परिवार के लोगों को सांत्वना दी
जानकारी के मुताबिक इस दौरान केजरीवाल के साथ स्थानीय विधायक कैलाश गहलौत व अन्य विधायक गुलाब सिंह भी थे. मुख्यमंत्री ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के साथ ही परिवार के लोगों को सांत्वना दी. इस मौके पर सीआरपीएफ व पुलिस के अधिकारी भी मौजूद थे. बाद में राजकीय सम्मान के साथ नरोत्तम दास के शव का गांव के श्मशान भूमि में अंतिम संस्कार किया गया. दिल्ली देहात के नजफगढ़ स्थित खैरा डाबर गांव के निवासी नरोत्तम दास सीआरपीएफ में हेड कांस्टेबल थे. वह 24 फरवरी की शाम नक्सलियों के किए गए विस्फोट की चपेट में आने से वे शहीद हो गए थे. नरोत्तम दास 18 वर्ष पूर्व सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. वर्तमान मे नरोत्तम के परिवार में मां, छोटा भाई, पत्नी मीणा, एक बेटी व एक बेटा है.

25 फरवरी को थी भतीजी की शादी
परिजनों ने बताया कि इस दौरान सबसे दुखद घटना यह थी कि 25 फरवरी को उनकी भतीजी प्रीति की शादी थी. भतीजी की शादी के लिए 23 फरवरी की सुबह नरोत्तम से बात हुई थी लेकिन छुट्टी नहीं मिलने के कारण उन्होंने गांव नहीं आने का अफसोस जताया था. इस बीच 24 तारीख को बिहार से उनके शहादत की खबर आई. घटना के बाद परिवार में खुशी का माहौल मातम में बदल गया. हालांकि तय होने के कारण किसी तरह शादी की रस्म पूरी की गई. नरोत्तम के चाचा सुरजीत सिंह ने बताया कि नरोत्तम दास के अंदर देशभक्ित की भावना बचपन से थी. वह सबसे मिलकर रहते थे यही कारण है कि इस घटना से गांव के साथ ही क्षेत्र के लोग गम में डूबे हैं. शहीद के सम्मान में लोगों ने मिलकर ग्राम सभा की जमीन पर उनकी मूर्ति लगाने का निर्णय लिया है.

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