- मेडिकल कॉलेज में बनने वाले आशा ज्योति केंद्र में मानक के मुताबिक बनाने के लिए प्रमुख सचिव रेणुका कुमार ने दिए निर्देश

- एक ही छत के नीचे महिला थाना, कानूनी सेल, कानूनी सहायता, कौशल विकास केंद्र, बैंक संबंधी सुविधाओं के साथ काउंसिलिंग सेंटर की मिलनी है फैसिलिटी

GORAKHPUR: पीडि़त महिलाओं को न्याय दिलाने के साथ उन्हें आसरा और सहारा देने के लिए बनाया जा रहा आशा ज्योति केंद्र बनकर तैयार हो चुका है। यहां पीडि़तों को न सिर्फ आसरा दिया जाएगा, बल्कि एक ही छत के नीचे उनके कई और सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। इसके निर्माण का काम शुरू होने के बाद प्रदेश के कन्नौज, इलाहाबाद और मेरठ तीन सेंटर्स पर प्रमुख सचिव ने दौरा किया। इस दौरान निर्माण कार्य मानक के मुताबिक नहीं पाए गए, जिसको देखते हुए प्रमुख सचिव ने उनमें पाई गई खामियों को तत्काल दूर करने के साथ ही सभी सेंटर्स को लेटर जारी करते हुए मानक के मुताबिक बनाए जाने के निर्देश ि1दए हैं।

यह दुरुस्त करने के दिए निर्देश

- एटीएम मशीन के लिए मेन गेट के बाई तरफ व्यवस्था की जाए।

- डॉक्टर्स रूम में वॉशबेसिन को टॉयलेट से बाहर किया जाए।

- एसी प्वाइंट्स के लिए आयरन, टॉप, एमसीबी लगाया जाए।

- विजिटर्स रूम में मोबाइल चार्जिग प्वाइंट्स की व्यवस्था की जाए।

- सभी रूम्स को एयरप्रूफ रखा जाए ताकि रूम्स में एसी लगाया जा सके।

- पीने के पानी के लिए वॉटर कूलर मशीन के लिए प्वाइंट्स दिया जाए।

इन शहरों में बन रहे हैं सेंटर

गोरखपुर

कानपुर

लखनऊ

बरेली

कन्नौज

इलाहाबाद

मिलेगी यह सुविधाएं

- हेल्प लाइन (1090, 1098, 181, 108)

- महिला थाना (24 घंटे सिपाही और होमगार्ड)

- कानूनी सेल (एफआईआर की सुविधा)

- कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र

- बैंक संबंधित सुविधाएं

- चिकित्सा सहायता सेल

- काउंसिलिंग सेल

- ट्रेनिंग हॉल (100 व्यक्ति क्षमता)

- अध्ययन कक्ष/लघु पुस्तकालय (20 व्यक्ति क्षमता)

प्रमुख सचिव ने प्रदेश के तीन सेंटर्स का दौरा किया था। वहां कुछ खामियां पाई गई हैं, जिसके बाद उन्होंने प्रदेश में बन रहे सभी सेंटर्स को मानक जारी करते हुए, उसी के अनुरूप इसे बनाने के लिए निर्देश दिए हैं।

- समर बहादुर सरोज, जिला प्रोबेशन अधिकारी