PATNA : पहले आकाश जायसवाल की हत्या किए जाने की प्लानिंग की गई थी। इस प्लानिंग को लव मैरेज करने के बाद आकाश के ससुर ऋषिदेव सिंह और उसके भाई दिनेश सिंह ने मिलकर शूटर्स के साथ की थी। दिनेश ने तो यहां तक शूटर्स को कह डाला था कि जो मिलेगा उसी को गोली मार देना। लेकिन मेन टाईम पर पूरी प्लानिंग बदल दी गई। प्लानिंग बदलने की कारिस्तानी दिनेश सिंह की थी। उसने शूटर्स को साफ तौर पर कह दिया कि हत्या बीजेपी नेता अशोक जायसवाल की होनी चाहिए। लास्ट टाईम में शूटर्स ने भी वही किया जो दिनेश ने कहा था। शूटर्स ने क्7 अगस्त को सीधे तौर पर बीजेपी नेता अशोक जायसवाल की गोली मारकर हत्या कर दी। पटना पुलिस ने इस मर्डर केस के रहस्यों से पर्दा उठा दिया है। वारदात को अंजाम देने वाले ब् शूटर्स समेत हत्या में शामिल म् लोगों को पटना पुलिस ने गिरफ्ता कर लिया है।

- हत्या की प्लानिंग बदलने का कारण

ऋषिदेव सिंह से ज्यादा दिनेश सिंह काफी गुस्से में चल रहा था। उसे ऐसा लग रहा था कि भाई की बेटी ने दूसरे कास्ट के लड़के से शादी कर उनकी इज्जत को बदनाम कर दिया है। इस लिए उसने पहले भतिजी के पति व बीजेपी नेता के बेटे आकाश जायसवाल की हत्या करने की प्लानिंग सेट की थी। लेकिन दिनेश सिंह को अशोक जायसवाल के नेता होने का डर भी सता रहा था। इनकी पहुंच और पैरवी के बारे में दिनेश अच्छे से जानता था। खुद के फंसने का डर उसे अंदर ही अंदर खाए जा रहा था। इस लिए उसने लास्ट टाईम में प्लानिंग चेंज की और आकाश की जगह अशोक की हत्या करवा डाली।

- शूटर के मोबाइल से मिला ठोस सबूत

हत्या में शामिल सारे शूटर्स दानापुर इलाके के ही रहने वाले हैं। हत्या कब और कैसे करनी है, इसकी पूरी प्लानिंग दिनेश ने कर रखी थी। दिनेश ने भ्0 हजार रुपए का ठेका शूटर व कुख्यात अपराधी अजय कुमार उर्फ बिलाई गोप व उसके गैंग को दिया था। क्7 अगस्त को दिनेश पूरे दिन बिलाई गोप से कॉल कर मोबाइल पर बात करता रहा। हर पल की अपडेट दिनेश दे रहा था। जब अशोक जायसवाल घर के बाहर थे तब भी और वो वापस घर लौट रहे थे तब के भी अपडेट दिए जा रहे थे। दिनेश के कहने पर बिलाई गोप को लेकर बाइक से छोटू आया और गोलियां बीजेपी नेता के शरीर पर दाग फरार हो गया। हर पल के अपडेट की व्यॉस रिकॉर्डिग बिलाई गोप के स्मार्ट फोन में थी। जो अब पुलिस के पास और इस केस का ठोस सबूत है।

- दानापुर से ही हुई गिरफ्तारी

हत्या के बाद अपराधी बाइक पर सवार होकर फरार हो गए थे। फिर दानापुर से ट्रेन पकड़ जमुई गए। वहां से झाझा चले गए। हत्या से पहले अपराधियों को दिनेश ने सिर्फ एक हजार रुपए दिए थे। ठेके का पूरा रुपए मिलना बाकि ही था। वहीं दिनेश और अपराधियों के बीच दानापुर का रितेश भरतिया लाइनर का काम कर रहा था। रितेश के कहने पर रुपए लेने सभी अपराधी वापस दानापुर आए थे। लेकिन इनके तकिया पर इलाके में होने की जानकारी पुलिस को मिल गई और घेराबंदी कर सभी को अरेस्ट कर लिया।

इनकी हुई गिरफ्तारी

क्। अजय कुमार उर्फ बिलाई गोप

ख्। दीपक शर्मा

फ्। रितेश भरतिया

ब्। मनीष कुमार

भ्। मुन्ना प्रसाद

म्। अनिल कुमार

बरामदगी

क्। पिस्टल - क्

ख्। कट्टा - क्

फ्। डबल बैरल गन - क्

ब्। गोली - 7

भ्। मोबाइल - फ्

फरार दिनेश और छोटू ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। इस मामले में दो-तीन लोग और फरार हैं। जिनकी पहचान हो गई और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। इस पूरे मामले का स्पीडी ट्रायल कराया जाएगा।

मनु महाराज, एसएसपी पटना