दवा लाइसेंस के लिए ऑनलाइन होगा आवेदन

आधार से लिंक होंगे फार्मासिस्ट, शुरू हो गई प्रॉसेस

ALLAHABAD: औषधि विभाग पूरी तरह पेपरलेस हो चुका है। तीन फरवरी से यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। दवा लाइसेंस के लिए अब ऑफिस के चक्कर नहीं काटने होंगे। ऑनलाइन आवेदन के बाद अपने आप प्रॉसेस शुरू हो जाएगी और डॉक्यूमेंट की जांच के बाद ड्रग इंस्पेक्टर अपनी रिपोर्ट लगा देगा। इसके अलावा कई अन्य सिस्टम भी बदले हैं।

करा लें रजिस्ट्रेशन

जिनके पास पहले से दवा विक्रय लाइसेंस हैं उनको सरकारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। अभी तक लाइसेंस के लिए आवेदक को औषधि विभाग का चक्कर काटना पड़ता था। फाइल लेकर अधिकारियों व कर्मचारियों से ओके कराना होता था। अब उन्हें सभी डॉक्यूमेंट स्कैन करने के बाद पोर्टल पर फीड करना होगा। इन डॉक्यूमेंट्स की जांच ड्रग इंस्पेक्टर को दी जाएगी। वह इसकी निरीक्षण रिपोर्ट पोर्टल पर फाइल करेगा।

रिन्युअल में भी फायदा

दवा लाइसेंस रिन्युअल कराने के लिए भी विभाग का चक्कर काटना पड़ता था। इसमें भी टाइम लग जाता था। अब ऐसा नहीं करना होगा। लाइसेंस धारक को केवल फीस जमा करानी होगी। इसके बाद स्वत: उसका लाइसेंस रिन्युअल कर दिया जाएगा। इसे फिर से अपने डॉक्यूमेंट अधिकारियों को दिखाकर पास नही कराना होगा। बता दें कि इस समय तीन हजार के आसपास दवा लाइसेंसी मौजूद हैं।

नही बच पाएंगे फार्मासिस्ट

सबसे अहम यह है कि फार्मासिस्ट अब एक लाइसेंस से दूसरा मेडिकल स्टोर नहीं खोल सकेंगे। साथ ही उनकी डिग्री के साथ कोई खिलवाड़ भी नहीं कर सकेगा, क्योंकि अब प्रत्येक फार्मासिस्ट के लाइसेंस को आधार से लिंक किया जा रहा है। सरकार ने फर्जीवाड़े को रोकने लिए बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत फार्मासिस्ट को अपना आधार लिंक करने के बद इसकी सूचना विभाग को देनी होगी।

शासन ने तत्काल प्रभाव से औषधि विभाग को पूरी तरह पेपरलेस कर दिया है। अब दवा के नए लाइसेंस का आवेदन पोर्टल पर फीड होगा। इसके बाद ऑनलाइन ही उसको सूचना भेज दी जाएगी। इस कदम से पारदर्शिता आने के साथ दलाली पर भी लगाम लगेगी।

-केजी गुप्ता, असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर, औषधि विभाग इलाहाबाद