ठंड से फूलने लगी सांस, ओपीडी में बढ़ी मरीजों की संख्या

अस्थमा अटैक के बढ़े चांसेज, डॉक्टर्स ने सतर्क रहने को कहा

ALLAHABAD: तापमान तेजी से घट रहा है और सांसों की प्रॉब्लम बढ़ती जा रही है। ऐसे में हॉस्पिटल्स में मरीजों की तादाद में इजाफा हो रहा है। महज एक सप्ताह के भीतर मौसम ने जिस तरह से पलटी मारी है यह चौंकाने वाला है। पारा नीचे गिरकर 12 डिग्री तक पहुंच चुका है। अभी इससे भी नीचे जा सकता है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों का सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। हॉस्पिटल और क्लीनिक की ओपीडी में इनकी भीड़ इसका जीता-जागता उदाहरण है। अस्थमा और क्रानिक ब्रांकाइटिस के मरीजों के लिए मौसम का यह बदलाव मुसीबतों का सबब बन सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि जरा सी लापरवाही अस्थमैटिक अटैक को दावत दे सकती है। चेन स्मोकर्स को भी सतर्क रहना होगा।

इसलिए बढ़ रही है दिक्कत

ठंड की वजह से सांस फूलना और फेफड़ों का इफेक्टेड होना आम बात है। श्वांस नलियों में सिकुड़न आ जाने से सांस फूलने और खांसी जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। बलगम आने के साथ क्रानिक ब्रांकाइटिस के मरीजों में म्यूकस की ग्लैंड बढ़ जाने से भी सीरियसनेस बढ़ जाती है। अस्थमा के मरीजों को अपने साथ इन्हेलर रखना भी जरूरी है।

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बच्चों को भी ठंड से बचाएं

डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में बच्चों को ठंड से बचाना बेहद जरूरी है। सीने में ठंड लगने से वह निमोनिया की चपेट में आ सकते हैं। चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ जाना इसका उदाहरण है। जिन लोगों को सांस की नली में इंफेक्शन है, उन्हें छोटे बच्चों से दूर रखना जरूरी है। बच्चों में एलर्जी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। उनकी देखभाल की जरूरी है।

इन लक्षणों से होशियार

लगातार खांसी का बढ़ना

सांस फूलना

खांसी के साथ बलगम आना

अचानक थकावट महसूस होना

बचाव के तरीके

ठंडी चीजों के सेवन से दूर रहें और खानपान में गर्म चीजें लें

खुले में निकलने से पहले पूरे बदन के कपड़े पहनें, एक्सपोजर से बचें

अगर सांस लेने में प्रॉब्लम हो रही है तो खुली हवा में जाने से बचें

ठंड के सीजन में स्मोकिंग से दूरी बनाए रखें, चेन स्मोकर्स रहें अलर्ट

यह मौसम खतरनाक है। जिस तरह से ठंड बढ़ रही है, उससे सांस के मरीजों को दिक्कतें पेश आने लगी हैं। कई मरीज अपने कंसल्टेंट के संपर्क में आ चुके हैं। मेरी राय में अस्थमा और ब्रांकाइटिस के मरीजों को जरूरी दवाएं और इन्हेलर साथ रखना चाहिए।

डॉ। आशुतोष गुप्ता, चेस्ट स्पेशलिस्ट

बच्चों को इंफेक्टेड रोगियों से दूर रखना जरूरी है। सांस की कई बीमारियां इस मौसम में वायरस और बैक्टीरिया के संक्रमण से भी फैलती है। इससे छोटे बच्चों को काफी नुकसान पहुंचता है। बच्चों को गर्म कपड़ों से ढंक कर रखना जरूरी है।

डॉ। मनीष चौरसिया, चाइल्ड स्पेशलिस्ट