-रोडवेज से लेकर प्राइवेट वाहन संचालकों ने कम नहीं किया किराया

-डीजल के दो रुपए दाम बढ़ने पर तुरंत किराया बढ़ा देते हैं प्राइवेट वाहन

ROORKEE (JNN) : तेल कंपनियों की ओर से भले ही डीजल के दाम में कई बार कमी की गई हो, लेकिन आम आदमी को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। रोडवेज से लेकर प्राइवेट वाहनों ने किराये में किसी तरह की कोई कम नहीं की है। जबकि प्राइवेट वाहन संचालक दो रुपए डीजल के दाम बढ़ने पर तुरन्त किराया बढ़ा देते हैं।

म्ब् रुपए से भ्भ् रुपए हुआ डीजल

इस वर्ष डीजल के दाम म्ब् रुपये प्रति लीटर तक पहुंचे हैं। डीजल के दामों में हुई बढ़ोत्तरी का हवाला देकर रोडवेज ने जहां लोक सभा चुनाव के तुरंत बाद किराए में बढ़ोत्तरी कर दी थी। वहीं प्राइवेट वाहन संचालकों ने भी किराया बढ़ा दिया था, इसके बाद तेल कंपनियों की ओर से तीन-चार बार में डीजल के दाम में कमी की गई है। स्थिति यह है कि वर्तमान समय में म्ब् रुपये से गिरकर डीजल के रेट भ्भ् रुपये प्रति लीटर पर आ गए हैं। सीधे नौ रुपये डीजल घटा है। अंकित शर्मा, प्रवीण कुमार आदि ने बताया कि वह प्रतिदिन कभी रोडवेज से तो कभी विक्रम आदि से भगवानपुर जाते हैं, लेकिन डीजल के रेट कम होने का उन्हें तो कोई लाभ नहीं मिला है, जो किराया पहले था वही लिया जा रहा है। जब डीजल पर 9 रुपये कम हो गए हैं तो सरकार को उसके अनुसार ही किराये में कमी करनी चाहिए।

यूपी सीमा में एक पैसा कम किराया

उत्तराखंड परिवहन निगम ने प्रदेश की सीमा में तो किराया नहीं घटाया है, उत्तर प्रदेश की सीमा में एक पैसा प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराए में कमी की गई है, यह किराया छह दिसंबर से कम किया गया है। उत्तराखंड परिवहन निगम ने यह निर्णय भी यूपी परिवहन निगम द्वारा एक पैसा प्रति किमी किराया कम करने के बाद लिया है।

'इस बाबत देहरादून में एक बैठक होने जा रही है, जिसमें यूनियन के पदाधिकारी एवं आरटीओ देहरादून शामिल होंगे, बैठक में किराया घटाने को लेकर निर्णय होगा, इस निर्णय को रुड़की क्षेत्र में भी लागू कराया जाएगा.'

-देशराज सैनी, अध्यक्ष विक्रम चालक एसोसिएशन रुड़की

'फिलहाल तो किराया सूची में कोई बदलाव नहीं होना है, परिवहन निगम की वित्तीय स्थिति पहले से ही इतनी अच्छी नहीं है.'

-बीके संत, प्रबंध निदेशक, उत्तराखंड परिवहन निगम