वसीय यात्रा पर आए यूएई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस देश के साथ मोदी व्यापार और आतंकवाद का मुकाबला जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा करेंगे। साथ ही भारत को निवेश के एक आकर्षक ठिकाने के रूप में पेश करना चाहेंगे। मोदी ने यूएई को भारत का शीर्ष व्यापारिक साझीदार बनाने की इच्छा जाहिर की है। अभी चीन व अमेरिका के बाद यूएई तीसरा बड़ा व्यापारिक साझीदार है।

अरबी में भी किया ट्वीट
मोदी ने यहां पहुंचने के बाद ट्वीट किया, ‘मैं इस यात्रा को लेकर काफी आशावादी हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि इस यात्रा के फलस्वरूप भारत और यूएई के रिश्तों को बल मिलेगा।’ उन्होंने अरबी में भी ट्वीट किया। पिछले 34 वर्षो में यूएई के दौरे पर जानेवाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।


प्रिंस ने की अगवानी
हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए अबूधाबी के प्रिंस शेख मुहम्मद बिन जायद अल नाह्यान और उनके पांच भाइयों ने की। बाद में मोदी ने ट्वीट कर प्रिंस शेख मुहम्मद की सराहना की। मोदी से पहले 1981 में इंदिरा गांधी यूएई आई थीं। यूएई में 26 लाख भारतीय हैं। इनमें बड़ी संख्या बिहार के मुसलमानों की है।

मोदी ने देखी प्रसिद्ध मस्जिद
पीएम मोदी यहां के मशहूर शेख जायद मस्जिद देखने गए। 1.8 लाख वर्ग फीट में फैली इस मस्जिद को सऊदी अरब के मक्का-मदीना के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद बताया गया है। इसका नामकरण यूएई के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति मरहूम शेख जायद बिन सुल्तान अल नाह्यान के नाम पर किया गया है। इसमें 40 हजार लोग एक साथ नमाज पढ़ सकते हैं। मोदी ने वहां की  आगंतुक पुस्तिका में लिखा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि यह मस्जिद शांति, दया और भाईचारे का प्रतीक बनेगी।’

 

Modi in UAE

 

 

 

 

मोदी की सेल्फी कूटनीति

शेख परिवार के साथ मस्जिद का भ्रमण करते हुए उन्होंने उनके साथ मुस्कराते हुए सेल्फी ली। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट में कहा है कि भावी पीढिय़ों के लिए यादगार क्षणों को रिकार्ड किया गया।
 
खास शाकाहारी डिनर
ॠअबूधाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआइए) के महानिदेशक हामिद बिन जायद अल नाह्यान ने मोदी के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया। प्रधानमंत्री मोदी का विशेष शाकाहारी व्यंजन बनाने लिए मशहूर भारतीय सेफ संजीव कपूर को बुलाया गया था। एडीआइए 800 अरब डॉलर का स्वतंत्र कोष है और भारत ढांचागत क्षेत्रों में इससे निवेश चाहता है।

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