टीम ने किया सेंटर के लिए संभावित स्थानों का निरीक्षण

एक महीने में हो सकता है सिटी में सेंटर बनाने पर फैसला

सेंटर से गारमेंट्स कारोबार में मिलेगा रोजगार को बढ़ावा

आगरा। अगर सबकुछ ठीक रहा तो भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा एटीडीसी (ऐपरेल ट्रेनिंग एवं डिजाइनिंग सेंटर) सेंटर ताज सिटी में खोला जा सकता है। गुरुवार को गुड़गांव से आई टीम ने सिटी में सेंटर के लिए स्थानों का निरीक्षण किया। सिटी में यह सेंटर बन जाने से गारमेंट्स कारोबार में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। आगरा में ऐपरेल पार्क के बनाए जाने में भी ट्रेनिंग का कार्य महत्वपूर्ण साबित होगा।

इन स्थानों पर तलाशी संभावनाएं

एटीडीसी फरीदाबाद की प्रिंसिपल पूनम मल्होत्रा और कुंज बिहारी शर्मा ने टीम के साथ सिटी की विजिट की। टीम के साथ आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन के सेक्रेट्री, उद्यमी और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट केसी जैन भी मौजूद रहे। गुरुवार को आगरा आई टीम ने सिकंदरा इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक्सपोर्ट प्रमोशनल पार्क को देखा। टीम ने संजय प्लेस में भी स्थानों का जायजा लिया। लेकिन, टीम को इंडस्ट्रियल एरिया की जगह पसंद आई, क्योंकि इस स्थान के नजदीक घनी आबादी है।

एक महीन में निर्णय होने की उम्मीद

केसी जैन का कहना है कि आगरा में टीम को जगह पसंद आई है, लेकिन सेंटर का अंतिम चुनाव गुड़गांव स्थित मुख्यालय से होगा। एक माह में इस पर निर्णय होने उम्मीद है। सिटी में सेंटर बनने से आगराइट्स को काफी फायदा होगा। यह सेंटर पलवल से आगरा शिफ्ट किया जाना है। ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण के लिए प्रति व्यक्ति को 1200 रुपये फीस देनी होगी।

आगरा को मिलेगा फायदा

टीम मेंबर्स ने आगरा रेडीमेड गारमेंट्स एंड मैन्युफेक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके नैयर एवं उपाध्यक्ष संजीव कुमार अग्रवाल से भी मुलाकात कर सेंटर को लेकर चर्चा की। एसोसिएशन पदाधिकारियों ने टीम को बताया कि अकेले एसोसिएशन के तहत ही 50 इकाइयां गारमेंट्स बनाने का काम करती हैं। आगरा में लगभग 15 से 20 हजार तक ट्रेंड सिलाई मशीन ऑपरेटर्स की कमी है। सेंटर से ट्रेनिंग मिलने के बाद बेरोजगारों को कपड़ा उद्योग में आसानी से जॉब मिल सकेगा। कपड़ा उद्यमी सुरुचि सचदेवा का कहना है कि सिटी में सेंटर बनने पर महिलाओं को भी गारमेंट्स मैन्युफेक्चरिंग उद्योग के लिए तैयार किया जा सकेगा।