JAMSHEDPUR: घाटशिला थाना से कुछ ही दूरी पर स्थित आइसीआइसीआइ एटीएम क्षतिग्रस्त कर 25 लाख 33 हजार 300 रुपये चुराने की घटना को किसी पेशेवर गिरोह ने नहीं बल्कि एटीएम के पहरेदार ने अंजाम दिया था। घटना के तीन दिनों के भीतर पुलिस ने सुरक्षा गार्ड घाटशिला दाहीगोडा निवासी देबू राय को गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर 24 लाख 12 हजार 500 रुपये बरामद हुए हैं। गार्ड के पास से पुलिस ने दो मोबाइल और दो एडवांस फास्ट कटिंग विल्ह बरामद किया गया है.यह जानकारी शनिवार को एसएसपी अनूप बिरथरे पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि चोरी की घटना के खुलासे को घाटशिला अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राजेंद्र दुबे के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था।

10 हजार में खरीदा मोबाइल

एसएसपी ने बताया कि एटीएम से 25 लाख 33 हजार 300 रुपये चुराने के बाद गार्ड ने 10 हजार का मोबाइल खरीदा। 25 हजार रुपये किराना दुकानदार को अग्रिम तौर पर दिया। कुछ राशि ऐशो-आराम में खर्च की। इसके बाद 11 लाख 90 हजार रुपये अपने निर्माणाधीन घर की चाहरदीवारी के अंदर बालू के अंदर छुपाकर रख दिये। बाकी राशि घाटशिला स्वर्णरेखा नदी के दाहीगोड़ा पांच पांडव शमशान घाट के नजदीक बालू में सुरक्षित गाड़कर रख दिया था। बालू में रुपये गडे़ स्थान की निशान के तौर पर पॉलीथीन में शौच कर बालू के उपर रख दिया था ताकि उस ओर कोई न जाए। इसके बाद वह बड़े आराम से इधर-उधर घूमते रहा। घर में रहा। ड्यूटी भी की। वह छह हजार रुपये मासिक वेतन पर वह सीआइएसएस सिक्योरिटी ऐजेंसी में काम करता है।

पूरी नहीं हो रही थी जरूरत

गार्ड ने बताया कि छह हजार रुपये मासिक से आवश्यकता की पूर्ति नही हो रही थी। शौक भी पूरे नही हो रहे थे। उसने दूसरा काम करने के लिए सोचा क्यों न एटीएम से रुपये चुरा लिए जाएं। एटीएम में जब रुपये रखे जाते थे तो वह देखता था कि कैसे रुपये रखे जा रहे हैं। देखते-देखते उसे पूरी जानकारी हो गई थी कि रुपये कैसे निकाले जा सकते हैं। उसे एटीएम के जिस कैसेट पर रुपये रखे जाते है उसके पासवर्ड की जानकारी हो गई थी।

20 फरवरी को डाले गए थे 24 लाख

आइसीआइसीआइ एटीएम में 20 फरवरी को एटीएम में 24 लाख रुपये डाले गए थे। पूर्व से एटीएम में लगभग 1 लाख रुपये थे। 20 फरवरी को 100 के 1993 नोट यानि 199, 300 रुपये, 500 सौ के 4604 कुल 230, 2000 रुपये और 2000 रुपये के 16 यानि 32 हजार इस तरह कुल 25 लाख 33 हजार 300 रुपये थे, जिसे गार्ड ने चुरा लिया था। एसएसपी ने बताया कि चोरी की घटना के बाद बैंक अधिकारियों, एटीएम में रुपये डालने वाले कर्मचारियों और एटीएम गार्ड से गहन पूछताछ हुई थी। गार्ड ने चोरी की घटना भी विलंब से दी थी जिसके कारण वह संदेह की घेरे में था। एटीएम को कटिंग नही की गई थी इसलिए लगा कि घटना को पेशेवर अपराधियों ने अंजाम नही दिया। बारीकी से सभी से पूछताछ की गई।

ऐसे दिया वारदात को अंजाम

सुरक्षा गार्ड ने पुलिस टीम को बताया कि 20 फरवरी को उसके सामने ही राशि एटीएम में डाली गई थी। उसे दिमाग में पहले से रुपये चुरा लेने की योजना थी। मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे के करीब एटीएम का शटर डाउन कर दिया। सीसीटीवी कैमरे के तार काट दिया। देर रात 10 बजे वह दोबारा एटीएम में आया। दो घंटे तक समय बिताया। एटीएम के पास रखे जाने वाले रुपये के स्थान को क्षतिग्रस्त किया। साढ़े 12 बजे रात को उसने एटीएम मशीन से रुपये चुराने का कार्य शुरू किया। पासवर्ड घूमाते-घूमाते टेली हो गया। सारे रुपये एटीएम से निकाल लिए। दो बैग में रुपये रखे। एक बैग घर के सामने बालू में और दूसरे बैग को दाहीगोड़ा स्वर्णरेखा नदी तट की बालू पर गाड़ दिया।

एसएसपी ने किया सम्मानित

एसएसपी ने एटीएम से रुपये चुराने वाले सुरक्षा गार्ड को पकड़ने और रुपये बरामद करने में शामिल एसडीपीओ राजेंद्र दुबे, घाटशिला थाना प्रभारी एसएन सिंह, घाटशिला अंचल निरीक्षक अजय कुमार समेत अन्य को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।