KANPUR: अगर आप एटीएम यूजर है और आप एटीएम से रुपए निकालने के बाद ट्रांजेक्शन पर्ची को वहीं अथवा सड़क पर फेंक देते है तो आप अलर्ट हो जाइए। वरना आपको मोटी चपत लग सकती है। आप सोच रहे होंगे कि वो कैसे? तो बताते है कि इन दिनों शहर में कुछ ऐसे गिरोह सक्रिय हैं, जो आपके ट्रांजेक्शन पर्ची से एकाउन्ट की जानकारी हासिल कर रुपए पार कर रहा है। इसमें पीडि़त को तब पता चलता है जब उसके एकाउन्ट से रुपए पार हो जाते हैं। आइए आपको बताते हैं कि यह गिरोह किस तरह से काम करता है? इस गिरोह को पकड़ने के लिए पुलिस क्या कर रही है? और पब्लिक इस गिरोह से कैसे बच सकती है?

ट्रांजेक्शन पर्ची से एकाउन्ट नम्बर

शहर की पुलिस जिस तेजी से हाईटेक हो रही है। उससे ज्यादा तेजी से अपराधी हाईटेक हो रहे हैं। बदमाश नए-नए तरीके से क्राइम कर रहे हैं। हाईटेक बदमाशों का एक गिरोह एटीएम की ट्रांजेक्शन पर्ची के सहारे पब्लिक को चूना लगा रहा है। यह गिरोह एटीएम बूथ से कस्टमर की फेंकी पर्ची को उठा लेता है। जिससे गिरोह के सरगना को कस्टमर के एकाउन्ट के शुरुआती नम्बर का पता चल जाता है। इसके बाद वो कस्टमर का सेलफोन नम्बर पता कर एक लड़की से कॉल करवाता है। लड़की कस्टमर को झांसा देकर उसका एकाउन्ट नम्बर, पिन कोड और एटीएम का नम्बर पता कर लेती है। जिसके बाद गिरोह कस्टमर के एकाउन्ट से रुपए पार कर देता है।

एटीएम ब्लाक होने का देते है झांसा

इस गिरोह में कई लड़कियां भी शामिल है। ये लड़की बातचीत में इतनी एक्सपर्ट है कि वो किसी को भी आसानी से अपने झांसे में ले सकती है। वो कस्टमर को कॉल कर बोलती है कि आपने एटीएम से रुपए निकाले थे। आपने ट्रांजेक्शन पूरा होने के बाद शायद गलत इंट्री कर दी है। वो कस्टमर को भरोसा दिलाने के लिए ट्रांजेक्शन पर्ची से एकाउन्ट के शुरुआती नम्बर को देखकर बोलती है। कस्टमर उसकी बातों पर यकीन कर एकाउन्ट की सारी जानकारी बता देता है। इसके बाद लड़की कस्टमर से एटीएम का नम्बर और पिन कोड के बारे में पता कर लेती है। इसके बाद लड़की एटीएम के पीछे लिखा 3 नम्बर का कोड हासिल कर लेती है। जिससे गिरोह का सरगना एकाउन्ट के सारे रुपए पार कर देता है।

जल्दबाजी में करते है भूल

शहर में ज्यादातर लोग बैंक की लम्बी लाइन से बचने के लिए एटीएम से ही पैसे निकालते है। वे रुपए निकालने के बाद ट्रांजेक्शन पर्ची वहीं पर फाड़कर फेंक देते है। वे जल्दबाजी में यह भी नहीं देखते है कि पर्ची ठीक से फटी भी है कि नहीं। उनकी इसी भूल का यह गिरोह फायदा उठाता है। यह गिरोह शाम को एटीएम के किसी बूथ में जाकर पर्चियों को उठा लेता है। इसके बाद वे पर्चियों को चेक करता है। पर्चियों के ठीक से फटी न होने से गिरोह को आसानी से एकाउन्ट नम्बर मिल जाता है।

बढ़ रहा है शिकायतों का ग्राफ

एटीएम में कस्टमर की फेंकी पर्चियों से रुपए पार होने के मामलों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इस गिरोह ने दो दर्जन से ज्यादा लोगों के एकाउन्ट से पैसा पार कर चुका है। इसमें कुछ कस्टमर ने रिपोर्ट कराई है, जबकि ज्यादातर कस्टमर्स ने पुलिस से झंझट से बचने के लिए शिकायत ही नहीं की। सारे मामलों में क्राइम के एक ही पैटर्न से पुष्टि हो रही है कि यह एक ही गिरोह की हरकत है। सभी मामलों में एटीएम से रुपए निकालने के बाद ही कस्टमर के पास कॉल आई थी। जिसमें लड़की ने झांसा देकर उनके एकाउन्ट और एटीएम की सारी जानकारी हासिल की थी।

स्पूफिंग तकनीकि का करते है यूज

यह गिरोह कस्टमर का सेलफोन नम्बर पता करने के बाद स्पूफिंग के जरिए कॉल करता है। इससे गिरोह के मैम्बर का नम्बर कस्टमर के सेलफोन पर नहीं आता है। इसकी जगह कस्टमर के सेलफोन पर बैंक की हेल्पलाइन का नम्बर आता है। जिससे कस्टमर को भरोसा हो जाता है कि बैंक से कॉल आई है।

मैसेज अलर्ट न होने ठगी का पता नहीं चला

शहर की बैंक्स में 30 लाख से ज्यादा सेविंग एकाउन्ट है। जिसमें 14 लाख लोगों ने मैसेज अलर्ट सर्विस एक्टिवेट करा रखी है। शेष 16 लाख एकाउन्ट होल्डर्स के पास अभी भी मैसेज अलर्ट सर्विस नहीं है। यह गिरोह ज्यादातर उन्हीं कस्टमर को टारगेट कर रहा है। जिन्होंने मैसेज अलर्ट सर्विस एक्टिवेट नहीं कराई है। इन कस्टमर्स तब धोखाधड़ी के बारे में पता चलता है जब वो दोबारा एटीएम से रुपए निकालने के लिए जाते हैं।

आईजी ने की पुष्टि, बैंक को भेजा नोटिस

आईजी आशुतोष पाण्डेय ने इस गिरोह की पुष्टि की है। उन्होंने बैंक्स को नोटिस भेजकर इस गिरोह के बारे में अवगत कराया है। उन्होंने कस्टमर्स को अवेयर करने के लिए बैंक अधिकारियों को नोटिस भेजा है। उन्होंने बैंक्स अधिकारियों को एटीएम बूथ पर नोटिस चस्पा कराने का निर्देश भी दिया है। जिसमें ट्रांजेक्शन पर्ची से होने वाले मिसयूज के बारे में लिखा होगा।

हेल्प

- एटीएम बूथ पर ट्रांजेक्शन पर्ची न फेंके

- ट्रांजेक्शन पर्ची को घर ले जाकर ही नष्ट करें

- सेलफोन पर एकाउन्ट की कोई जानकारी न दें

- अगर कोई कॉल आती है तो बैंक जाकर संबंधित अधिकारी को ही जानकारी दें

- सबसे पहले अपने बैंक के फोन नम्बर पर कॉन्टेक्ट करके मामले की पूरी जानकारी दें।

- एटीएम बूथ पर हेल्पलाइन नम्बर लिखा रहता है। यह टॉल फ्री होता है। इस पर भी कम्प्लेंट दर्ज कराए और कम्प्लेंट का रजिस्ट्रेशन नम्बर जरूर लें।

- बैंक में जानकारी देकर अपना एटीएम को ब्लाक करा दें

- अपने एकाउन्ट का पिन कोड बदल दें

- थाने और बैंक में जाकर लिखित शिकायत दर्ज कराएं