- एक साल में पांच से अधिक हमले

- दो सिपाहियों की मौत, तीन हमलों में गंभीर रूप से घायल

आगरा। पुलिस को आधुनिक सुविधाओं और संसाधनों से लैस किया जा रहा है। उनके अधिकारों को भी बढ़ाया जा रहा है। पुलिस की ताकत बढ़ाने के लिए संख्या में बढ़ोत्तरी को लेकर भर्ती प्रक्रिया भी जारी है। इन सभी सुधार के बाद भी पुलिसिया रौब तो दूर लोग में खाकी वर्दी के प्रति रोष दिखता है। उसी आक्रोश को टटोलती हुई एक खबर

शनिवार को हुई घटना

सोशल पुलिसिंग से दोस्ताना संबंध भी कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। यही वजह है कि अपराधिक मामले रुकने के बजाए लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब पुलिस कर्मियों पर ही हमले बढ़ते जा रहे हैं। पिछले एक साल के भीतर पुलिस कर्मियों पर सीधे हमले हुए। ताजातरीन घटना 23 दिसंबर को घटी, जिसमें एक पुलिसकर्मी पर युवक ने पिस्टल से गोली दाग दी।

बदमाशों के हौसले बुलंद

पुलिस प्रशासन के लिए लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने की बड़ी चुनौती बनी हुई है। सालों-साल ये वर्दी की हनक कमजोर पड़ती जा रही है। वहीं दूसरी चोर-बदमाशों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वे पुलिस कर्मियों पर ही हमले कर रहे हैं। पिछले एक साल अप्रैल 2017 से दिसंबर 2017 के बीच नजर डालें, तो अब तक 5 से 6 बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें बदमाशों ने पुलिसकर्मी पर सीधे फायर झोंक दी। इसमें दो पुलिसकर्मी को जान तक गंवानी पड़ी।

पब्लिक से टूटता विश्वास

पुलिस से पब्लिक का विश्वास टूटता जा रहा है। पब्लिक थाना और पुलिस दोनों से हमेशा बचने की कोशिश करती है। ये पुलिस और पब्लिक के बीच टूटते रिश्ते का बड़ा कारण है।