-हाल ही में भेलूपुर थाने पर हुए पथराव के बाद गुरुवार को रोहनिया में जमीन की पैमाइश के दौरान पुलिस टीम पर खूब चले पत्थर

- चौकी प्रभारी, सिपाही व होमगार्ड घायल, आठ महिलाएं हिरासत में

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आखिर पुलिस का डर क्यों कम होता जा रहा है? क्यों आये दिन खाकी पर हमले हो रहे हैं? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि एक महीने के अंदर गुरुवार को एक बार फिर लोगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। पिछले दिनों एक मामले को लेकर भेलूपुर थाने पर हुए उपद्रव व पथराव के बाद इस दिन रोहनिया केअखरी गांव में जमीन की पैमाइश के दौरान ग्रामीणों ने विरोध करते हुए पुलिस पर पथराव कर दिया जिससे हल्का चौकी प्रभारी सहित सिपाही व होमगार्ड घायल हो गए। घायल पुलिसकर्मियों का अस्पताल में उपचार कराया गया। सूचना के बाद सीओ सदर के नेतृत्व में पहुंची तीन थानों की पुलिस ने आधा दर्जन महिलाओं को हिरासत में ले लिया जबकि पुरुष फरार हो गए।

एक पक्ष था विरोध में

अखरी गांव में 30 एकड़ जमीन को लेकर गांव के ही दो परिवार के लोग अपना अपना दावा ठोक रहे हैं। इसमें प्रथम पक्ष से सुजीत पटेल व कांता पटेल व दूसरे पक्ष से पारस विश्वकर्मा व डिंग्गुर हैं। पारस विश्वकर्मा ने जमीन की पैमाइश कराने की अनुमति मांगी थी। इस पर कानूनगो राम जनम यादव के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम पुलिस के साथ 30 एकड़ जमीन की पैमाइश कराने पहुंची। इसी बीच प्रथम पक्ष के सुजीत पटेल अपने घर वालों के साथ आकर विरोध करने लगा। उसका कहना था कि राजस्व विभाग का दस्तावेज गलत है।

बढ़ी बात तो टूट पड़े पुलिस पर

राजस्व विभाग व पुलिस ने समझाने का प्रयास किया लेकिन प्रथम पक्ष मानने के लिए तैयार नहीं हुआ और सुजीत पटेल के पक्ष के लोग पथराव करने लगे जिसमें अखरी चौकी प्रभारी पर्व कुमार सिंह, सिपाही राकेश चौहान व होमगार्ड नंदलाल यादव घायल हो गए। इसी बीच किसी ने इसकी सूचना 100 नंबर पर दे दी। जिसके बाद लंका, मंडुआडीह व रोहनिया थाने की पुलिस ने सीओ सदर स्नेहा तिवारी के नेतृत्व में पहुंचकर कमान संभाली और आठ महिलाओं को हिरासत में ले लिया।