- बदायूं से बरेली जान देने पहुंचा करण पाल

- चौपुला रेलवे क्रॉसिंग के पास ट्रेन के आगे कूदा

BAREILLY:

बीमारी के इलाज के लिए 20 हजार का कर्ज लेना एक व्यक्ति की जिंदगी में नासूर बन गया। लाख कोशिशों के बाद भी कर्ज चुका पाने में असमर्थ व्यक्ति ने वेडनसडे को चौपुला रेलवे क्रॉसिंग के पास ट्रेन के आगे कूद कर जान देने की कोशिश की, जिसमें उसने अपने दोनों पैर गंवा दिए। घटना के वक्त काफी भीड़ इकट्ठा हो गई। हादसे में अपना दोनों पैर गंवाने के बाद पीडि़त आसपास खड़े लोगों से हाथ जोड़ जान बचाने की दुहाई देता रहा। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने 108 से पीडि़त को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा। जहां पर उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।

बीमारी के इलाज के लिए लिया था कर्ज

बदायूं के दातागंज के सपरेरा गांव का रहने वाला 40 वर्षीय करण पाल पिछले 10 वर्ष से बीमार चल रहा है। अपने इलाज के लिए उसे 20 हजार रुपए बैंक से कर्ज लिया था। बीमार होने के कारण वह कर्ज चुकता नहीं कर सका। लिहाजा, कर्ज के बोझ तले दबा करन पाल जीने की मोह ही छोड़ दिया और जान देने की सोच ली। जान देने के उद्देश्य से करण पाल दोपहर 2 बजे के करीब बदायूं से बरेली पहुंचा। चौपुला रेलवे क्रॉसिंग के पास ट्रेन के आगे कूद गया, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। करण पाल को मौत तो नहीं आई, लेकिन उसने अपने दोनों पैर गंवा दिए।

जिला अस्पताल में कराया भर्ती

पैर कटने के दर्द ने करण को जीने के लिए मजबूर कर दिया। घटनास्थल पर मौजूद लोगों से हाथ जोड़ इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने को कहता रहा। करण ही हालत देख लोगों की आंखें फटी की फटी रही गई। मौके पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई। लोगों ने इस बात की सूचना तुरंत पुलिस और 108 को दी। जिसके बाद पीडि़त करण को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। करण के परिवार में पत्‍‌नी अनिता और दो बच्चे नितिन 14 वर्ष और दुष्यंत 10 वर्ष के हैं।