-5 मशीनों से रोजाना ले रहे दो सौ से तीन सौ टिकट

- यात्रियों को मदद के लिए स्टेशन प्रबंधन न तैनात नहीं किए कर्मचारी

<-भ् मशीनों से रोजाना ले रहे दो सौ से तीन सौ टिकट

- यात्रियों को मदद के लिए स्टेशन प्रबंधन न तैनात नहीं किए कर्मचारी

BAREILLY:

BAREILLY:

जंक्शन पर लगे ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (एटीवीएम) शोपीस बनी गई हैं। रेलवे प्रबंधन ने यात्रियों की सुविधा के लिए भ् मशीन जंक्शन पर लगाए थे, लेकिन उसका लाभ यात्रियों को प्रॉपर नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि, मैक्सिमम यात्री मशीन ऑपरेट न कर पाने की वजह से काउंटर से ही टिकट खरीदते हैं। अफसोस की बात है कि स्टेशन प्रबंधन यात्रियों की मदद के लिए लगाए गए कर्मचारियों को भी हटा दिया है, जिससे लाखों रुपए खर्च कर खरीदी गई मशीन बेमतलब की साबित हो रही है।

मशीन नहीं लाइन में लगना मंजूर

जंक्शन रिजर्वेशन हॉल में दो वर्ष पहले फ् एटीवीएम लगाये गये थे। उस समय यात्रियों की मदद के लिए बाकायदा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गयी थी, जो कि टिकट निकाल पाने में असमर्थ यात्रियों की मदद करते थे। कोई भी परेशानी होने पर टिकट निकाल कर दे देते थे। स्टार्टिग में मशीन से रोजाना ब् से भ् सौ टिकट एटीवीएम से निकाले जाते थे। वर्तमान समय में यह आंकड़ा क्भ्0 से ख्00 टिकट पर आकर सिमट गया है। क्योंकि, रेलवे ने कर्मचारियों को हटा दिया है। ऐसे में, लोग टिकट निकाल नहीं पा रहे हैं। वह समस्या से बचने के लिए लाइन में लगना बेहतर समझते हैं।

क्भ् हजार टिकट की बिक्री

जबकि बरेली से गंतव्य स्थान पर जाने के लिए रोजाना क्भ्,000 से अधिक टिकट की बिक्री होती है, लेकिन इनमें से मशीन के जरिए टिकट निकालने जाने की संख्या मात्र ख्00 के आसपास होती है। ऐसे में देखा जाए तो एटीवीएम से टिकट बिक्री की संख्या बेहद कम हैं। ऊपर से रेलवे ने दो और मशीन हाल ही मंगा लिये हैं। जिसके जरिए सिर्फ कार्ड से ही टिकट निकाले जा सकते हैं। जबकि पहले से लगे मशीन में कैश और कार्ड दोनों से टिकट निकाले जाने की सुविधा हैं। जनरल टिकट लेने वालों की संख्या ज्यादातर कम पढ़े लिखे और गांव में रहने वालों की होती हैं। ऐसे में उन्हें एटीवीएम से टिकट निकालने में काफी प्रॉब्लम्स होती है।

मशीन से रोजाना क्भ्0-ख्00 ही टिकट की बिक्री होती है। पहले कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गयी थी। बाद में हटा कर उनकी ड्यूटी कहीं और लगा दी गई।

महेश, हेड बुकिंग क्लर्क, रेलवे