-गाजियाबाद में ऑडी कार से ऑटो सवार चार लोगों की मौत का मामला

-बरेली के ड्राइवर का एक्सीडेंट में सरेंडर करने का मामला

BAREILLY: गाजियाबाद में 28 जनवरी की रात तेज रफ्तार ऑडी कार की टक्कर से ऑटो सवार 4 लोगों की मौत मामले में हमशक्ल का गेम सामने आया है। ड्राइवर के हमशक्ल ने अपनी अकल लगाकर कोर्ट में सरेंडर किया। उसने यह फर्जीवाड़ा रुपयों के लालच में किया, जिस ड्राइवर का सरेंडर करने में नाम आया है, उसने आई नेक्स्ट से बातचीत में इसका खुलासा किया है। ड्राइवर संडे शाम तक बरेली वापस आने के बाद और कई खुलासे कर सकता है।

27 को अहमदाबाद से चला था

ऑडी एक्सीडेंट केस में ऑडी ओनर को बचाने के लिए शुरू से ही गेम खेला गया है। इसके लिए फर्जी ड्राइवर को तैयार कर कोर्ट में सरेंडर कराया गया और फिर फर्जी ड्राइवर को जमानत भी मिल गई। इस केस में बरेली के लभेड़ा नवाबगंज निवासी कैंटर ड्राइवर इशहाक के सरेंडर होने की बात सामने आई है। जबकि इशहाक और उसके परिवार इससे साफ इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिस दिन एक्सीडेंट हुआ उस दिन तो इशहाक अहमदाबाद से ट्रक लेकर वापस बरेली लौट रहा था। वह 27 जनवरी को अहमदाबाद से चला था।

कभी नहीं चलाई कार

आई नेक्स्ट ने सैटरडे को उसके घर जाकर बात की तो पिता जमील अहमद ने बताया कि उनके बेटे इशहाक ने जब से गाड़ी चलाना शुरू किया है वह तबसे बड़ी गाड़ी ही चलाता है। उसने कभी छोटी गाड़ी चलाई ही नहीं है। उसकी पत्‍‌नी और बच्चे हैं। वह कुछ दिनों से पत्‍‌नी से विवाद होने के चलते इज्जतनगर के पीर बहोड़ा में किराये पर रह रहा है। उन्हें नहीं पता कि उनके बेटे का नाम एक्सीडेंट में कैसे सामने आ गया। उनका बेटा दो दिन पहले असम के गुवाहाटी में कैंटर लेकर गया है।

दोस्त ने की है ध्ाोखेबाजी

जब इशहाक से फोन पर बात की गई तो उसने एक्सीडेंट में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया, लेकिन उसने बताया कि जब वह वापस लौटेगा तो कई खुलासे करेगा। उसने बताया कि वह पीरबहोड़ा में किराये के मकान पर रहता है। यहां पर पहले उसके साथ एक दोस्त भी रहता था। दोस्त मोबाइल रिचार्ज का काम करता है। इसी दोस्त ने उसके साथ धोखेबाजी की है। जैसे ही उसे पता चला कि उसका नाम एक्सीडेंट में आया है, तो वह तुरंत समझ गया। उसने दोस्त से फोन पर बात की तो उसने रुपयों की जरूरत की बात कहते हुए फर्जी सरेंडर करने की बात भी कबूल ली है।

डीएल का किया मिसयूज

इशहाक के मुताबिक उसके साथ रहने वाले दोस्त की शकल उससे कुछ मिलती-जुलती है। दोस्त ने ही उसकी ड्राइविंग लाइसेंस की फोटोकॉपी का गलत इस्तेमाल किया है। दोस्त ही उसके नाम से गाजियाबाद कोर्ट में पेश हुआ और वहां पर उसकी ड्राइविंग लाइसेंस की फोटोकॉपी के साथ में अपना फोटोग्राफ लगा दिया होगा। इसी के चलते उसे जमानत भी मिल गई होगी।

पुलिस कर रही जांच-डीजीपी

मामले के तूल पकड़ने के बाद डीजीपी जावीद अहमद ने भी ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि इस मामले में गाजियाबाद पुलिस ने ड्राइवर की गिरफ्तारी नहीं की है। ड्राइवर ने खुद ही कोर्ट में सरेंडर किया था। मामले की जांच की जा रही है।

इस केस में अभी कोई जानकारी नहीं मांगी गई है। यदि वेरिफिकेशन के लिए आता है तो जांच की जाएगी।

यमुना प्रसाद, एसपी रूरल बरेली