वेस्टपैक बैंक की ग़लती से ये रक़म उसे मिली थी। 2014-15 में निकाली गई इस रक़म को पुलिस ने धोखाधड़ी बताया था।

अभियोजन पक्ष ने आरोपों को वापस लेने का कोई कारण नहीं बताया।

ली के वकील ह्यूगो एस्टन ने कहा अभियोजन पक्ष के इस कदम से उन्हें राहत मिली है।

बीबीसी को शुक्रवार को उन्होंने बताया कि ली अपने परिवार के साथ मलेशिया लौट आई हैं और खुश हैं।

साथ ही एस्टन ने कहा, "ख़रीदी गयी कई चीजों को ज़ब्त कर लौटा दिया गया है।"

 

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क्या है पूरा मामला?

सिडनी विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा ने 2012 में एक बैंक अकाउंट खोला था और ग़लती से उसे असीमित ओवरड्राफ्ट की सुविधा दे दी गयी थी।

2015 में बैंक को अपनी ग़लती का अहसास होने तक उन्होंने 11 महीने तक बैंक से ये रकम निकाली।

ली को 2016 में सिडनी एयरपोर्ट से गिरफ़्तार किया गया और उन पर धोखे से वित्तीय लाभ उठाने का आरोप लगाया गया।

उनके वकील ने सिडनी में अदालत को बताया कि हालांकि ली ईमानदार नहीं थीं, लेकिन उन्होंने कोई धोखा नहीं दिया क्योंकि यह ग़लती बैंक की तरफ से हुई है।

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पांच साल तक ऑस्ट्रेलिया में रही केमिकल इंजीनियरिंग की स्टूडेंट ली को दिवालिया घोषित कर दिया गया है।

वेस्टपैक के एक प्रवक्ता ने कहा कि बैंक ने अपने पैसे की वसूली के लिए हर संभव कदम उठाए हैं।

सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के मुताबिक, पिछले साल एक मजिस्ट्रेट ने अभियोजकों से कहा था कि ये खर्च ग़ैरकानूनी नहीं हो सकता।

मजिस्ट्रेट लिसा स्टैपलेटन ने कहा, "यह अपराध की कमाई नहीं है, इतनी रकम पाना हम सबका सपना होता है।"

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