- 10 विकास प्राधिकरणों से सीएम योगी ने तलब किया स्पष्टीकरण

- 18 शिकायतें लंबित हैं मेरठ विकास प्राधिकरण में

- 22 प्राधिकरणों में दूसरे नंबर पर था अप्रैल माह में

- 8वें नंबर पर आ गया था मई माह में

मेरठ: कार्यो में हीलाहवाली बरतने वाले अधिकारियों पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्ती दिखाई है। शनिवार को लखनऊ में मेरठ समेत 10 प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से स्पष्टीकरण तलब करने का आदेश देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फुल फार्म में नजर आए। इन 10 प्राधिकरणों में मेरठ में शामिल है।

प्राधिकरण की 18 शिकायतें लंबित

प्राधिकरण के स्तर पर 18 जनशिकायतें लंबित हैं। हालांकि ये सभी 10 दिन के टाइम फ्रेम में हैं। 3 डिफाल्टर हैं। सालों से लंबित पड़ी करीब 40 शिकायतें शुक्रवार को ही मेरठ विकास प्राधिकरण के मत्थे आवास विकास ने पटक दी हैं।

पिछले महीने मिली थी शाबाशी

अपर सचिव बैजनाथ ने बताया कि आईजीआरएस पोर्टल पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण में प्राधिकरण अप्रैल माह में सूबे के 22 प्राधिकरणों में दूसरे नंबर पर था जबकि मई में ये 8वें नंबर पर था। शासन में प्राधिकरण के प्रयासों की सराहना भी हुई थी।

शिकायतों के लिए ऑनलाइन पोर्टल

मेरठ विकास प्राधिकरण में शिकायतों के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी है। mdaMEERUT.in ऑनलाइन शिकायतें दर्ज हो रही हैं और शिकायतों का निस्तारण कर ऑनलाइन जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा प्राधिकरण में एक हेल्पलाइन डेस्क भी है।

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विकास प्राधिकरण में फिलहाल महज 18 शिकायतें लंबित हैं और ये भी टाइम फ्रेम में हैं। प्राधिकरण, शिकायतों के निस्तारण में काफी गंभीर है।

बैजनाथ, अपर सचिव, एमडीए