-मालियों की पुलिया के पास स्कॉपिर्यो ने मारी टक्कर, कार सवार फरार

-बिशप कॉनराड स्कूल के थे बच्चे, परिजन लेकर गए घर

BAREILLY: स्कूली बच्चों को लेकर जा रहे एक ऑटो ड्राइवर की लापरवाही के चलते वेडनेसडे सुबह बच्चों की जान पर बन आयी। मालियों की पुलिया के पास रॉन्ग साइड चल रहा ऑटो स्कॉर्पियो के सामने आ गया। स्कॉर्पियो ड्राइवर ने ऑटो को बचाने के लिए ब्रेक मारा। कार करीब 100 मीटर तक घिसटते हुए ऑटो से जा टकरायी। ब्रेक लगने से कार की रफ्तार स्लो हो गई थी, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। फिर भी ऑटो में सवार चार बच्चों को गंभीर चोटें आयी हैं। हैरत की बात है कि रॉन्ग साइड ड्राइविंग को स्वत: संज्ञान लेकर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बारादरी एसएचओ अभी जांच करने की बात कहकर जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।

बिशप कॉनराड स्कूल के थे बच्चे

ऑटो ड्राइवर पुराना शहर से चार बच्चों को लेकर बिशप कॉनराड स्कूल जा रहा था। इसाइयों की पुलिया तक 500 मीटर की दूरी से बचने के लिए वह मालियों की पुलिया से वन वे में रॉन्ग साइड ऑटो लेकर घुस गया। जबकि, मालियों की पुलिया से बियावान कोठी की ओर वाहन की एंट्री पर बैन है। ड्राइवर ऑटो लेकर कुछ दूर ही गया था कि हादसा हो गया। चश्मदीदों के मुताबिक रॉन्ग साइड ऑटो को बचाने के लिए स्कॉर्पियो ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया, लेकिन रफ्तार तेज होने की वजह से टक्कर हो गई। एक्सीडेंट होते ही लहूलुहान हुए बच्चे तेज-तेज रोने लगे। स्कार्पियो सवार ने एक बार कार रोककर पीछे देखा, लेकिन उसके बाद वह मौका पाकर फरार हो गया। वहां से गुजर रहे लोगों ने किसी तरह से ऑटो ड्राइवर और बच्चों को बाहर निकाला।

पेरेंट्स को िकया फोन

स्कार्पियो की टक्कर से ऑटो का अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। पिछली सीट की तरफ लगने वाली जाली भी टूटकर नीचे गिर गई। गनीमत रही कि कोई दूसरा वाहन पीछे से नहीं आया, नहीं तो बच्चों के साथ और बड़ा हादसा हो सकता था। हादसे में ड्राइवर भी घायल हो गया। वहां मौजूद राजू नाम के एक शख्स ने बच्चों से परिजनों के नंबर लेकर फोन किया। जिसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे और बच्चों को घर लेकर चले गए। मौके पर मौजूद लोगों ने यूपी 100 को सूचना दी। मौके पर पीआरवी पहुंची और ऑटो ड्राइवर को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया।

ड्राइवर कर रहा खुद का बचाव

चश्मदीदों ने बताया कि ऑटो ड्राइवर रॉन्ग साइड जा रहा था लेकिन ड्राइवर खुद का बचाव कर रहा है। उसका कहना है कि वह सही रास्ते पर जा रहा था और तेज रफ्तार स्कार्पियो ने टक्कर मार दी। हालांकि इस मामले में न तो किसी परिजन ने और न ही ऑटो ड्राइवर ने कोई एफआईआर दर्ज कराई है। स्कार्पियो वाला पहले ही मौके से फरार हो गया था। पुलिस का कहना है कि हादसे की जांच की जा रही है। यदि जांच में ऑटो ड्राइवर की लापरवाही सामने आयी तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

ऑटो ड्राइवर ने बाहर फेंके थे बच्चे

मालियों की पुलिया के पास ही तीन दिन पहले एक ऑटो ड्राइवर ने स्कूली बच्चों पर गुस्सा उतारा था। अचानक उसने बच्चों को ऑटो से उतारकर बाहर फेंकना शुरू कर दिया था। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उसकी पिटाई शुरू कर दी थी। हालांकि बाद में वह बच्चों को लेकर चला गया था। इस मामले की कहीं शिकायत भी नहीं की गई थी।

मालियों की पुलिया के पास ऑटो में कार ने टक्कर मार थी। स्कूली बच्चे घायल हुए थे, लेकिन परिजन अपने साथ लेकर चले गए। ऑटो ड्राइवर को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है। रॉन्ग साइड ऑटो जाने की जांच कराई जाएगी।

उपेंद्र सिंह, एसएचओ बारादरी

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3 पैसेंजर की कैपेसिटी, बैठा रहे 10 बच्चे

-ड्राइवर अपनी सीट पर ही बैठा रहे 3 बच्चे

BAREILLY : शहर में बड़ी संख्या में स्कूल ऑटो चल रहे हैं, जो सीट क्षमता 3 यात्री की जगह 10 से 11 बच्चे ऑटो में ठूंस-ठूंस कर बैठाते हैं। यही नहीं ऑटो ड्राइवर ओवरलोडिंग ही नहीं, रस ड्राइविंग और ट्रैफिक सिग्नल जंप और रॉन्ग साइड ड्राइविंग से बाज नहीं आ रहे हैं। मालियों की पुलिया पर हुआ हादसा उसकी की देन है.हैरत की बात है कि पुलिस-प्रशासन और आरटीओ के अफसर इसे देखकर नजरअंदाज किए हुए हैं। वेडनेसडे को हादसे के बाद स्कूली बच्चों को ले जाने वाले ऑटो का रियलिटी चेक किया गया तो चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आयी हैं।

क्षमता 4 बच्चों की बैठे है 10

ऑटो में एमवी एक्ट के नियमों के तहत 3 सवारी को ही बैठाया जा सकता है। पिछले वर्षो प्रशासन के साथ हुई मीटिंग में ऑटो में 4 बच्चे बैठाने का डिसीजन लिया गया था, लेकिन दोनों का ही पालन नहीं किया जा रहा है। एक ऑटो में 10 से अधिक बच्चे बैठाए जाते हैं। पिछली सीट पर 4 से 5 बच्चे, पिछली सीट के अपोजिट एक्स्ट्रा सीट लगाकर 3 से 4 बच्चे और फिर आगे ड्राइवर की सीट पर 3 बच्चे बैठाए जाते हैं, जिससे बच्चों को स्कूल जाने में तो दिक्कत होती है, साथ ही हादसा होने का भी खतरा बना रहता है। ऑटो के अलावा ई-रिक्शा का भी यही हाल है।

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ये हो चुके है हादसे

केस 1-

वर्ष 2016 में फरीदपुर रोड पर आटो के अनियंत्रित होने के कारण एक स्कूल का बच्चा आटो से बाहर गिर गया, जिसे पीछे से आ रहे ट्रक ने कुचल दिया। जांच में पता चला कि आटो में मानक से अधिक बच्चें बैठे होने के कारण ये हादसा हुआ।

केस 2-

वर्ष 2017 में स्टेडियम रोड़ पर आटो और स्कूल बस की टक्कर होने के कारण आटो चालक ने कई घंटो तक बच्चों समेत स्कूल बस को बंधक बना दिया था। पुलिस के मौके पर पहुचने पर बस को जाने दिया गया।

केस 3-

साल 2018 में स्कूल बस ने सुभाषनगर स्थित बाइक सवार को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में कई बच्चे चोटिल भी हुए। मामला अभी सुभाषनगर पुलिस थाने में विचाराधीन है फिलहाल स्कूल वाहन थाने में सीज है

ऑटो व अन्य वाहनों में स्कूली बच्चों को ओवरलोड बैठाने के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश आरटीओ को दिए हैं। ट्यूजडे को ही इस संबंध में लिखित आदेश जारी किया गया है। बच्चों की सेफ्टी से कोई खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।

ओपी वर्मा, एडीएम सिटी

स्कूल व्हीकल्स के खिलाफ चेकिंग चल रही है। स्कूली बच्चों को ले जा रहे ऑटो पर भी कार्रवाई की जाएगी। क्षमता से अधिक सवारी बैठाने पर प्रति सवारी जुर्माना वसूल किया जाएगा।

मयंक ज्योति आरटीओ प्रवर्तन