- सूबे के सरकारी डॉक्टरों को डीजी हेल्थ का फरमान

--MCI के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश

LUCKNOW: बीते दिनों जेनरिक मेडिसन को लेकर मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की गाइडलाइन के बाद अब यूपी के डीजी हेल्थ डॉ। पद्माकर सिंह ने सभी सरकारी डॉक्टर्स को फरमान जारी कर दिया है। इसके तहत अब प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स को सिर्फ जेनेरिक दवाएं ही लिखनी हैं। बता दें अब तक मामले में डॉक्टर्स के बीच असमंजस बना हुआ था।

कड़ाई से पालन करें एमसीआई के निर्देश

डीजी हेल्थ की ओर से प्रदेश के सभी बड़े अस्पतालों के डायरेक्टर, सीएमएस, सभी मंडलीय अपर निदेशकों, सीएमओ और जिला अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि मेडिकल कॉउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए। बता दें कि एमसीआई ने 21 अप्रैल को देश के सभी मेडिकल कॉलेजों, सभी मेडिकल ककॅउंसिल, हेल्थ सेक्रेटरी, स्टेट हेल्थ सर्विसेज को आदेश जारी कर कहा था कि डॉक्टर्स दवाओं के जेनेरिक नाम ही प्रेस्क्राइब करेंगे।

कैपिटल लेटर्स में लिखना होगा नाम

निर्देश के तहत प्रत्येक डॉक्टर को दवाओं के जेनरिक दवाओं के नाम क्लियर व कैपिटल लेटर्स (बड़े अक्षरों) में लिखना होगा। सभी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर को एमसीआई एक्ट के आदेशों का पालन करना होगा। 21 सितंबर, 2016 को जारी गजट में एमसीआई ने इसे डॉक्टर्स की व्यवसायिक आचरण, शिष्टाचार और नैतिकता विनियमावली में जोड़ दिया है। यानी अब कैपिटल लेटर में जेनेरिक दवाएं ही लिखना डॉक्टर्स का नैतिक कर्तव्य है।

जेनेरिक ने लिखें तो यहां करें कंप्लेन

यदि कोई डॉक्टर अभी भी जेनेरिक नाम नहीं लिखता है और कैपिटल लेटर्स में नहीं लिखता है स्वास्थ्य विभाग के टॉल फ्री नंबर पर -18001805146 शिकायत की जा सकती है। साथ ही यूपी मेडिकल फैकल्टी और मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया में भी शिकायत की जा सकती है। लापरवाही करने वाले डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।