आजाद पार्क का शुल्क खत्म करने से पहले सरकार को हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी से लेनी होगी अनुमति

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ALLAHABAD: उप्र की सरकार अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क का प्रवेश शुल्क आसानी से खत्म नही कर सकेगी। इसके लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पार्क के रखरखाव और सुरक्षा को लेकर गठित कमेटी की अनुमति लेनी होगी। आजाद पार्क के रखरखाव का खर्च भी सरकार को उठाना होगा। इसके बाद उन्हें शुल्क माफ करने की परमिशन मिलेगी। बता दें कि बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने परेड ग्राउंड से इस संबंध में घोषणा की थी।

पूर्व अपर महाधिवक्ता हैं अध्यक्ष

आजाद पार्क का सौंदर्यीकरण होने के बाद हाईकोर्ट ने प्रवेश शुल्क के पैसों को सबसे पहले पार्क की सुरक्षा में उपयोग करने पर बल दिया था और इसके लिए तत्कालीन अपर महाधिवक्ता सीबी यादव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन भी किया था। इस कमेटी को पैसों का कैसे उपयोग हो इस पर विचार कर निर्णय लेना था। अपर महाधिवक्ता के अलावा डीएम, एसएसपी, एडीए वीसी, नगर आयुक्त, पार्क अधीक्षक व मुख्य कोषाधिकारी को कमेटी का मेंबर बनाया गया था। पूर्व अपर महाधिवक्ता अभी भी इस कमेटी के अध्यक्ष हैं। कमेटी के गठन का आदेश जस्टिस दिलीप गुप्ता व जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने मधु सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया था।

डेढ़ करोड़ रुपए का इस्टीमेट

आजाद पार्क के सालाना रखरखाव पर डेढ़ करोड़ रुपए खर्च होता है। कमेटी अध्यक्ष सीबी यादव का कहना है कि हमसे पूर्व में सरकार ने इस खर्च के बारे में पूछा था। हमारा कहना है कि अगर पार्क की सिक्योरिटी और रखरखाव के खर्च को राज्य सरकार उठा ले तो कमेटी विदड्रा कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह सब एक प्रॉसेस के तहत होगा। क्योंकि, वर्तमान में पार्क के रखरखाव की जवाबदेही कमेटी के पास है।

शुल्क का ढांचा

05

रुपए प्रतिदिन

100

रुपए मासिक

250

रुपए तिमाही

500

रुपए छमाही

1000

रुपए वार्षिक

फैक्ट फाइल

7000

हजार लोग प्रतिदिन पार्क में आते हैं

12

लाख रुपए तक आते हैं हर महीने इंट्री टैक्स से

1.5

करोड़ रुपए पार्क के रखरखाव का सालाना बजट

शहरी विकास मंत्रालय को जिम्मेदारी

आजाद पार्क को प्रवेश शुल्कविहीन करने की मांग लंबे समय से चली आ रही थी। सरकार तक यह बात पहुंचने पर बुधवार को सीएम ने मंच से शुल्क माफ करने की घोषणा जरूर की, साथ ही साथ शहरी विकास मंत्री सुरेश खन्ना को रखरखाव में लगने वाली राशि का इंतजाम करने के निर्देश भी दिए। पार्क के रखरखाव की राशि की व्यवस्था शहरी विकास मंत्रालय को करनी होगी।