क्‍या है फ‍िल्‍म का आधार  
फ‍िल्‍म आधारित है धोखा देने की कहानी पर. ऐसे में धोखा देने की कहानियां जैसे ब्लफमास्टर, बंटी और बबली, डॉली की डोली और अब इसी क्रम में बदमाशियां. ऐसा भी लगता है कि आपको पता चल गया हो क‍ि क्या है फिल्म. धोखे पर बनने वाली फिल्मों के क्रम में नई एंट्री की जैसी. आइये आगे जानें कि कितनी अलग है ये फिल्म.

Badmashiyaan
Producer: Vijay Gutte
Director: Amit Khanna
Starring: Sharib Hashmi, Suzanna Mukherjee, Sidhant Gupta, Karan Mehra and Gunjan Malhotra
Stars: One Star
movie review : कई बदमाशों की 'बदमाशियों' से ऊबे हुए दिखे दर्शक

कुछ ऐसी है फ‍िल्‍म की कहानी
फिल्म की शुरुआत होते ही आप उसका प्लॉट समझ जाते हैं. चंडीगढ़ में नारी (सुज़ाना मुखर्जी) अपने कर्ज में डूबे ब्‍वायफ्रेंड देव (सिद्दांत गुप्ता) को धोखा देती है और उसके पैसे लेकर रफूचक्‍कर हो जाती है. अब  यह उसके लिए पैसे कमाने का जरिया बन जाता है. अब देव का अगला निशाना होता है जैज़ी (शारिब हाशमी). वह एक लोकल डॉन के किरदार में नजर आए हैं. फिल्म में पिंकेश (करण मेहरा ) भी हैं. वह देव के दोस्त बने हैं, लेकिन उसे भी नारी से इश्क़ है. इसका इजहार वह कभी नहीं करते. नारी जैज़ी को भी नहीं बख्‍शती. वह उन्‍हें भी चूना लगाकर रफूचक्कर हो जाती है और डॉन साहब उसकी तलाश करने लगते हैं. इसका मतलब यह है कि एक तरह से अलग-अलग लव स्टोरीज का ट्रैक एक साथ लेकर मसाला फिल्म बनाने की पूरी कोशिश की गई है, लेकिन आखिर तक उस मसाले में कुछ कमी सी जान पड़ती रही है.

 

किसने कोशिश की फ‍िल्‍म में जान डालने की   
फ‍िल्‍म का सेकेंड हाफ पार्ट कुछ मनोरंजक सा होता नजर आया है, जब शारिब हाशमी अपने किरदार से फ‍िल्‍म में कुछ माइलेज डालने की कोशिश करते हैं. यहां आकर कुछ हद तक खत्‍म होता है दर्शकों पर फ‍िल्‍म देखने का दबाव. इनके अलावा करन मेहरा (जासूस का किरदार निभाने वाले) फ‍िल्‍म के ऐसे अगले किरदार साबित हुए हैं, जिन्‍होंने अपनी अच्‍छी परफॉर्मेंस से सीन्‍स में कुछ, थोड़ी बहुत जान डालने की कोशिश की है.

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