- हाई कोर्ट ने बदरी-केदार मंदिर समिति भंग करने का आदेश किया निरस्त

NAINITAL: हाई कोर्ट ने बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को भंग करने का आदेश निरस्त करने के साथ ही भंग समिति को फिर से बहाल करने के आदेश पारित किए हैं। कोर्ट के फैसले से सरकार की खासी किरकिरी हो गई है। मंदिर समिति के सदस्य दिवाकर चमोली व दिनकर बाबुलकर ने याचिका दायर कर मार्च में बनी भाजपा सरकार के मंदिर समिति भंग करने के आदेश को चुनौती दी। याचिका में कहा गया था कि सरकार ने बिना कारण और राजनीतिक दुर्भावना के तहत मंदिर समिति को भंग करने के साथ ही प्रशासक नियुक्त कर दिया। पूर्व में मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी। सरकार की ओर से कोर्ट में दलील दी गई थी कि मंदिर समिति की नियमावली के प्रावधान-क्क्(दो) ए में यह शक्ति निहित है कि सरकार कुशल प्रबंधन नहीं होना महसूस करने पर समिति को अकारण भंग कर सकती है। समिति के अधिवक्ता की ओर से दलील दी गई कि सरकार की ओर से समिति भंग करने के आदेश में कोई कारण का जिक्र ही नहीं किया है। मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद मंदिर समिति को भंग करने का आदेश निरस्त करते हुए समिति को फिर से बहाल करने का आदेश पारित कर दिया।