RANCHI: रांची के मशहूर व्यंग्य रचनाकार बालेंदु शेखर तिवारी(म्9 वर्ष)नहीं रहे। रविवार को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। बरियातू के शिवम अपार्टमेंट स्थित आवास पर तबियत खराब होने पर उन्हें ऑर्किड हॉस्पिटल ले जाया जा रहा था, इसी दौरान उन्होंने करमटोली के पास ही दम तोड़ दिया।

ख्0क्0 में आरयू से हुए थे रिटायर

डॉ बालेंदु शेखर तिवारी रांची यूनिवर्सिटी पीजी डिपार्टमेंट में यूनिवर्सिटी प्रोफेसर पद से ख्0क्0 में रिटायर्ड हुए थे। उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है। वह अपने पीछे दो पुत्र और दो पुत्रियां छोड़ गए हैं। बड़े पुत्र अवीक अवतंश बिहार में सेल टैक्स कमिश्नर और अभिषेक अवतंश लाइडेन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। बड़ी बेटी डॉ संपदा पांडेय पटना में प्रोफेसर और छोटी बेटी अंगदा पांडेय बेंगलुरू में इंजीनियर हैं। डॉ बालेंदु शेखर रांची में अकेले ही रहते थे।

शोक की लहर

डॉ बालेंदु शेखर के असामयिक निधन से शिक्षाविदों में शोक की लहर है। रांची यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ रमेश पांडेय समेत तमाम लोगों ने दुख प्रकट किया है।

अंतिम संस्कार आज

डॉ बालेंदु शेखर का अंतिम संस्कार सोमवार को नीदरलैंड से पुत्र के आने के बाद दिन के तीन बजे हरमू मुक्तिधाम में किया जाएगा।

फ् दर्जन से ज्यादा किताबें लिखीं

डॉ बालेंदु शेखर ने तीन दर्जन से भी अधिक किताबें लिखी हैं। राग दरबारी, क्रिकेट कीर्तन, ख्क्वीं सदी का व्यंग्य समेत अन्य उनकी प्रमुख रचनाएं हैं। डॉ तिवारी को बिहार सरकार द्वारा शिवपूजन सहाय पुरस्कार समेत एक दर्जन से भी अधिक पुरस्कार मिल चुका है।