सपा संसदीय बोर्ड ने रद किया कौमी एकता दल का विलय

- बैठक में बुलाए गये बलराम, मंत्रिमंडल में होंगे शामिल

- मुख्यमंत्री निकालेंगे विकास रथ, जनता को देंगे रिपोर्ट कार्ड

LUCKNOW@inext.co.oin

LUCKNOW: पिछले तीन दिनों से समाजवादी पार्टी में चल रही उठापटक का शनिवार को पटाक्षेप हो गया। पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में कौमी एकता दल का विलय रद करने पर सहमति बन गयी। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह मामला बैठक में उठाया जिसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने इसका समर्थन किया। चर्चा के बाद कौमी एकता दल का विलय रद करने पर सहमति बन गयी।

रामगोपाल बोले, मामला सुलझा

बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने स्वीकारा कि विलय को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नाराज चल रहे थे। साथ ही बलराम यादव की बर्खास्तगी भी इसी मामले को लेकर हुई थी। उन्होंने कहा कि विलय रद होने से मुख्यमंत्री खुश हैं, परिवार में भी किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। उन्होंने मीडिया पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि किस परिवार में झगड़ा नहीं होता। मीडिया छोटी बातों को भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता है। शनिवार को हुए इस पूरे घटनाक्रम के बाद साफ हो गया है कि कौएद का विलय पार्टी के भीतर असंतोष के बीज बो चुका था। मुख्यमंत्री की नाराजगी को गंभीरता से लेने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस मामले को अब सुलझा लिया है।

बलराम यादव की होगी वापसी

कौएद के विलय का खमियाजा भुगतने वाले पूर्व माध्यमिक शिक्षा मंत्री को भी पार्टी हाईकमान ने राहत देते हुए उनकी मंत्रिमंडल में वापसी का रास्ता साफ कर दिया है। आगामी 27 जून को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में अब बलराम यादव को दोबारा मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। मालूम हो कि बलराम यादव को ही इस विलय का सूत्रधार माना जा रहा था। कौमी एकता दल के विलय की सुगबुगाहट मिलने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था जिसके बाद मीडिया से बातचीत में बलराम यादव रो पड़े थे और कहा था कि 'अब तो सपा के झंडे में लपेटा जाना ही बाकी है'। बलराम यादव को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव का बेहद करीबी माना जाता है। बलराम ने मुलायम की सरपरस्ती में करीब चालीस साल पहले अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था।

75 जिलों में दौड़ेगा समाजवादी विकास रथ

बैठक में तय हुआ कि जल्द ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समाजवादी विकास रथयात्रा निकालेंगे। वर्ष 2012 की तर्ज पर मुख्यमंत्री सूबे के सभी 75 जिलों में जाकर सपा सरकार के विकास कार्यो, उपलब्धियों का प्रचार करेंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में अखिलेश की रथ यात्रा बेहद लोकप्रिय हुई थी, जिसके बाद सूबे में सपा की सरकार बनने का न केवल रास्ता साफ हुआ बल्कि चुनाव के बाद पार्टी बहुमत पाने में सफल रही।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी का होगा पुनर्गठन

इसके अलावा सर्वसम्मति से पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पुनर्गठन करने का प्रस्ताव भी मंजूर कर लिया गया। नयी कार्यकारिणी में हाल ही में पार्टी में शामिल किए गये बेनी प्रसाद वर्मा और अमर सिंह को जगह दी जा सकती है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए संगठन को नया कलेवर देने की तैयारी ताकि पार्टी पूरे जोश के साथ चुनाव मैदान में उतर सके।