- लाइसेंसी बंदूकों की बिक्री ठप होने के बाद शहर में बढ़ रही एयरगन की डिमांड

- निशानेबाजी, बंदर भगाने से लेकर रौब जमाने के लिए भी एयरगन और एयर पिस्टल खरीद रहे लोग

GORAKHPUR: असलहा लाइसेंस को लेकर हाईकोर्ट के आदेश ने भले ही गोरखपुर में भी बंदूकों की सेल डाउन कर दी हो। लेकिन बंदूक के शौकीन दूसरे जरिए से अपना ये शौक पूरा कर रहे हैं। शहर में इन दिनों एयरगन व एयर पिस्टल रखने का ट्रेंड तेजी से फैल रहा है। राइफल के नाम पर एयरगन से भौकाल दिखाने से लेकर निशानेबाजी तक के लिए लोग खूब एयरगन खरीद रहे हैं। हालांकि अब एयरगन के भी कुछ मॉडल्स के लिए लाइसेंस अनिवार्य हो गया है। ऐसे में बंदूक के शौकीन बिना लाइसेंस वाली एयरगन खरीदते ही नजर आ रहे हैं।

हर महीने बिक रहीं 150 एयरगन

गोरखपुर में लाइसेंसी हथियारों की 22 दुकानें हैं। व्यापारियों के मुताबिक इनमें से लगभग सभी दुकानों से महीने में पांच से सात एयरगन और एयर पिस्टल बिक रही हैं। इस हिसाब से हर महीने करीब 100 से 150 एयरगन व एयर पिस्टल की बिक्री हो रही है। बंदूक व्यापारी अफसर खान बताते हैं कि कई रेंज की एयरगन्स की डिमांड चल रही है। जो 2500 रुपए से लेकर 25 हजार या उससे भी अधिक तक की हैं।

गमछा लगा दिखाते हैं भौकाल

इतना ही नहीं, कई लोग तो एयरगन से भी भौकाल दिखाने में पीछे नहीं हैं। अगर उनका बंदूक का लाइसेंस नहीं बन पा रहा तो वह एयरगन से ही भौकाल दिखा रहे हैं। जानकारों के मुताबिक ऐसे तमाम लोग हैं जो एयरगन की बट पर गमछा या चुनरी बांध देते हैं। ताकि यह न पता चल सके कि यह एयरगन है। बल्कि देखने वाले उसे राइफल ही समझें। जानकारों के मुताबिक ऐसे लोग एयरगन से ही बकायदा बंदूक का भौकाल बना रहे हैं। इस वजह से भी एयरगन की बिक्री बढ़ती जा रही है।

शिकार प्रतिबंधित, फिर भी बिक रही गन

वहीं, शिकार के शौकीन लोग भी एयरगन खरीदने में पीछे नहीं हैं। शिकार प्रतिबंधित होने के बावजूद ऐसे तमाम कस्टमर दुकानों पर पहुंच रहे हैं जो शिकार के लिए एयरगन खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। वहीं, ऐसे भी तमाम लोग हैं जो अपने इलाके से बंदरों को भगाने के लिए एयरगन खरीद रहे हैं। वहीं गांवों में लोग नीलगाय या अन्य जानवरों से खेतों को बचाने के लिए भी एयरगन का प्रयोग कर रहे हैं।

निशानेबाजी का भी है शौक

व्यापारी बताते हैं कि पहले की अपेक्षा अब निशानेबाजी को लेकर भी युवाओं में काफी शौक बढ़ रहा है। युवा ही एयरगन को अधिक पसंद कर रहे हैं। निशानेबाजी में भी बेहतर मुकाम हासिल कर चुके लोगों और लगातार इसमें देश को मिल रहे मेडल्स को देखते हुए भी इसके प्रति लोगों में रुचि बढ़ रही है। ऐसे में जो युवा निशानेबाजी के लिए एयरगन खरीद रहे हैं, वह इसकी बेहतर क्वालिटी ही पसंद कर रहे हैं। व्यापारियों के मुताबिक हर महीने एयरगन खरीदने वाले ऐसे दो से चार कस्टमर जरूर होते हैं, जो निशानेबाजी सीखने के लिए बंदूक खरीदते हैं।

लाइसेंसी बंदूक की बिक्री भले ही पूरी तरह से बंद हो गई हो, लेकिन एयरगन की बिक्री पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। आज भी एक दुकान पर महीने में चार से छह बंदूक बड़े आराम से बिक जाती है।

- अफसर खान, बंदूक व्यापारी

निशानेबाजी करने के साथ ही बंदर व खेतों को नुकसान पहुंचाने वाले जानवरों से बचने के लिए लोग एयरगन रखते हैं। कई लोग तो एयरगन सिर्फ इसलिए भी रखते हैं ताकि वह राइफल का भौकाल दिखा सकें।

- राजेश कुमार, बंदूक व्यापारी