- नगर आयुक्त ने कहा, 10 लाख जनता और पशुओं का ख्याल रखना मेरी जिम्मेदारी

- शहर को गंदा करने और पॉलीथिन के दुष्प्रभाव समेत पशुओं की मौत का किया जिक्र

BAREILLY:

पॉलीथिन पर पाबंदी लगाने की सख्त कार्रवाई करते हुए नगर आयुक्त ने परसाखेड़ा स्थित अवैध पॉलीथिन फैक्ट्री को सील और एफआईआर दर्ज कराने की संस्तुति डीएम से की है। पिछले दिनों डीएम को भेजे गए पत्र की जानकारी होने पर थर्सडे को प्लास्टिक पैकेजिंग मैटेरियल एसोसिएशन के पदाधिकारी नगर आयुक्त के पास सिफारिश लेकर पहुंचे। नगर आयुक्त ने कार्रवाई जारी रखने और शहरवासियों की सेहत से कोई समझौता नहंीं कर सकने की बात कही।

संचालकों ने दिया तर्क, लगी फटकार

सुबह करीब साढ़े बारह बजे मुलाकात करने पहुंचे फैक्ट्री संचालकों ने नगर आयुक्त के समक्ष तर्क रखा कि सरकार ने कैरीबैग प्रतिबंधित किए हैं। पैकेजिंग मैटेरियल इस दायरे में नहीं आता। जिस पर नगर आयुक्त ने 50 माइक्रॉन से अधिक प्रोडक्शन किए जाने की बात रखी। जिसको संचालकों ने नकार दिया। नगर आयुक्त ने रजिस्ट्रेशन न होने, मानकों को दरकिनार कर फैक्ट्री संचालित करने पर जमकर फटकारा। साथ ही, सील किये गए फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की चेतावनी दी। यहां एक फैक्ट्री संचालक ने पिता को हार्ट अटैक आने की जानकारी नगर आयुक्त को दी। जिस पर नगर आयुक्त ने कहा कि 10 लाख बरेली की जनता और तमाम पशुओं को पॉलीथिन से जान का खतरा है। जिनकी फिक्र करना मेरा दायित्व है। इसके बाद उन्होंने एक-एक कर सभी को फटकारा और सलीके से बात करने की सबक देते हुए वापस भेज दिया।

पॉल्यूशन बोर्ड ने कहा सब अवैध

मेयर बनने से पहले ही मेयर डॉ। उमेश गौतम ने पॉलीथिन बैन करने का वादा शहरवासियों से किया था। मेयर बनते ही कार्रवाई शुरू हो गई। लेकिन नगर निगम सिर्फ ठेले, खोमचे और खोखे वालों पर ही कार्रवाई करने लगा। जिसके बाद शहरवासियों और दुकानदारों ने पॉलीथिन की जड़ यानि फैक्ट्रियां बंद करने की मांग करने लगे। जिस पर परसाखेड़ा, रजऊ परसपुर, भोजीपुरा और पुराना शहर में बिना रजिस्ट्रेशन के पॉलिथीन की अवैध फैक्ट्रियों पर कार्रवाई शुरू हुई। और अवैध संचालन और उत्पादन की जानकारी होने पर सख्त कार्रवाई की पहल की गई। अवैध फै क्ट्री संचालन के मामले से अधिकारी अनजान होने की बात कह रहे थे। पॉल्यूशन बोर्ड ने रजिस्ट्रेशन 4 वर्ष पहले ही खत्म करने की जानकारी दी तब मामले का खुलासा हुआ।