-वाराणसी विकास समिति की ओर से काशी को स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर हुई परिचर्चा

-प्रबुद्धजनों ने दिए अपने सुझाव, पौराणिक महत्व पर भी शहर के लोगों ने दी अपनी राय

VARANASI:

काशी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए आयुक्त कार्यालय में रविवार को परिचर्चा गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शहर के प्रबुद्धजनों ने स्मार्ट शहर के लिए अपने सुझाव दिए। वाराणसी विकास समिति की ओर से आयोजित प्रोग्राम में काशी के विकास समेत इसके पौराणिक महत्व पर भी लोगों ने अपनी राय दी।

रखी अपनी बात

परिचर्चा में सपा के पूर्व मंत्री शतरुद्र प्रकाश ने जहां वाराणसी और स्मार्ट शहर की अवधारणा पर प्रकाश डाला। वहीं, भाजपा के एमएलसी लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि काशी को भविष्य में स्मार्ट सिटी बनाने के लिए समस्याओं को भूलकर आने वाले कल के बारे में सोचने की जरूरत है। महापौर रामगोपाल मोहले ने स्मार्ट सिटी में समय प्रबंधन (टाइम मैनेजमेंट) को ध्यान में रखकर योजनाओं के क्रियान्वयन कराने की बात कही। समिति के अध्यक्ष आरके चौधरी ने कहा कि काशी स्मार्ट तब होगी जब यहां के लोग स्मार्ट होंगे। इसलिए जरूरी है कि पहले हम अपने स्वभाव में परिवर्तन लाए। काशी की समस्याओं को अपनी समस्या समझे। सरकारी विभागों के अधिकारी भी योजनाओं को समय के साथ पूरा कराएं।

नजर लग गई है काशी को

पंचगंगा फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ। हेमंत गुप्ता ने कहा कि मोक्ष की नगरी काशी को किसी की नजर लग गई है। आज ऑक्सीजन की जगह लोग धूल के कण और पानी की जगह सीवर का गंदा पानी पी रहे हैं तो क्या यही स्मार्टनेस है। उन्होंने कहा कि वाराणसी विकास समिति ने एक मंच दिया है। यह एक माध्यम है अपनी बात कहने का और समस्याओं को दूर करने के लिए अपने सुझाव देने का। हमें काशी की धरोहरों, यहां की संस्कृति को संरक्षित रखते हुए काशी को कैसे स्मार्ट बनाना है। इस पर मंथन जरूरी है। अध्यक्षता कर रहे पूर्व सूचना आयुक्त ओपी केजरीवाल ने कहा कि शहर की समस्याओं का वास्तविक समाधान तब संभव होगा जब हम आम नागरिकों के सुझाव लें और उसे स्मार्ट सिटी परियोजना में वरीयता से शामिल करें। परिचर्चा में विधायक श्यामदेव राय चौधरी, एमएलसी केदार नाथ पांडेय, सपा नेता राजकुमार जायसवाल, अंजलि अग्रवाल, प्रियंबदा अग्रवाल आदि ने अपने विचार रखे। संचालन समिति के राजेंद्र दुबे ने किया। परिचर्चा में अपर नगर आयुक्त बीके द्विवेदी, तहसीलदार अविनाश कुमार, पार्षद रामशरण बिंद आदि उपस्थित थे।

अचानक मच गई अफरा तफरी

स्मार्ट सिटी परिचर्चा के दौरान अचानक अफरा-तफरी का माहौल तब पैदा हो गया जब अध्यक्षता कर रहे पूर्व सूचना आयुक्त ओपी केजरीवाल ने मंच पर भाषणबाजी की बजाए आम नागरिकों की राय लेने की बात कहीं। यह बात सपा के पूर्व मंत्री शतरुद्र प्रकाश व उनके समर्थकों को नागवार लगी और समर्थक नारेबाजी करते हुए परिचर्चा से बाहर चले गए। हालांकि कुछ मिनटों बाद शतरुद्र प्रकाश अपने समर्थकों के साथ दोबारा मंच पर लौटे और परिचर्चा में भाग लिए। इस बीच ओपी केजरीवाल परिचर्चा को बीच में ही छोड़कर चले गए।