-समझेंगे बनारस के विकास का मॉडल

-पीएम कर रहे हैं इंडो-जापान सहयोग प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई

VARANASI : बनारस की जीवनधारा को जापानी शहर क्योटो जैसी सौगात मिलने की राह प्रशस्त हो गई है। दोनों देशों के बीच समझौते हो गए हैं। समझौते की पृष्ठभूमि में बनारस के उन एक्सप‌र्ट्स की भूमिका भी है जो यहां से काशी की 'हकीकत' को अपने साथ लेकर गए हैं और क्योटो का मॉडल बनारस लेकर आएंगे।

कला-धरोहर संग-संग

काशी से जापान गए लोग यहां की कला, संस्कृति, धरोहर, टाउन प्लानिंग, वेस्ट मैनेजमेंट की जीती जागती कहानी साथ ले गए हैं। इरादे में है कि बनारस का कायाकल्प हो, सुंदरता बढ़े लेकिन इसकी प्राचीनता को कोई आंच न आए। जापानियों ने जिस प्रकार क्योटो को डेवलप किया है बिल्कुल उसी तर्ज पर बनारस भी आगे बढ़े। ये लोग जापानी एक्सप‌र्ट्स से मुलाकात करेंगे, अपनी आंखों से क्योटो देखेंगे और नवीन अनुभूतियों, एक्सपीरियंस के साथ लौटेंगे।

विशेषज्ञों में ये शामिल

इंडो जापान सहयोग प्रतिनिधिमंडल में बनारस के जो पांच एक्सप‌र्ट्स शामिल हैं, वे हैं चिकित्सक व पंचगंगा फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ। हेमंत गुप्ता, आर्किटेक्ट ऋषभचंद जैन, हेल्थ केयर सेंटर प्रेन्योर व काशी तीर्थ सुधार ट्रस्ट के मेंबर मनोज शाह, रोहिताश्व वर्मा व संजय शुक्ला। इसकी अगुवाई खुद भारत व जापान के प्राइम मिनिस्टर कर रहे हैं।