लघु एवं मझोले को करेगा टारगेट

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैंक का उद्घाटन किया। बैंक की प्राथमिकता लघु एवं मझोले उद्यम होंगे। एक दशक बाद भारत में नए बैंक का जन्म हुआ है। 2000 अरब डॉलर के बैंकिंग उद्योग में इस तरह बंधन बैंक नया सदस्य बन गया है। इस मौके बंधन बैंक के संस्थापक, एमडी व सीईओ चंद्रशेखर घोष ने कहा कि यह देश एवं राज्य की सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय पहल है। जून में माइक्रोफाइनेंस संस्थान बंधन को वाणिज्यिक बैंक परिचालन शुरू करने के लिए रिजर्व बैंक से अंतिम मंजूरी मिली थी। इस बैंक के 2022 सर्विस सेंटर, 50 एटीएम और 19,500 कर्मचारी हैं। वित्त वर्ष 2016 के अंत तक शाखाओं की संख्या 632 और एटीएम की संख्या 250 करने की योजना है। वर्तमान में बैंक के 1.43 करोड़ खाताधारक हैं। बैंक की 71 फीसद शाखाएं ग्रामीण भारत में होंगी। इसमें कम से कम 35 फीसद वह क्षेत्र होगा जहां बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।

पश्चिम बंगाल में हुआ उद्घाटन

केंद्रीय वित्त मंत्री ने यहां पश्चिम बंगाल में साइंस सिटी में आयोजित समारोह के दौरान बंधन बैंक का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य ऊंची विकास दर के लिए आपस में सहयोग कर रहे हैं। इससे अंतत: राज्य में समृद्धि आएगी। बैंक के उद्घाटन पर राज्य के वित्त मंत्री डॉ अमित मित्रा, भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एचआर खान, बैंक के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार लाहिड़ी भी उपस्थित थे।

पूर्वी राज्यों के विकास पर है ध्यान

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार पूर्वी राज्यों के विकास पर ध्यान देगी और पश्चिम बंगाल के उद्योग को प्रोत्साहन दिया जाएगा। पूर्वी क्षेत्र के विकास से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में आठ से 10 फीसद वृद्धि की संभावना है। पश्चिम बंगाल में होने वाले निवेश को प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे बंगाल में उद्यमिता की भावना में फिर से आ रही तेजी को लेकर आशान्वित हैं।

बैंकों के लिए चुनौतीभरा वक्त चल रहा है: रिजर्व बैंक डिप्टी गवर्नर

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एचआर खान ने कार्यक्रम में कहा कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के लिए यह चुनौतीभरा वक्त है। कर्ज की रफ्तार घटना, परिसंपत्तियों पर दबाव होना और कमजोर मुनाफा इसकी वजह हैं। खान बोले कि पिछले दो साल बैंकिंग उद्योग के लिए चुनौतीपूर्ण रहे हैं। बैंकों के शेयरों पर रिटर्न कम हुए हैं। संपत्तियां घट रही हैं, जबकि फंसे हुए कर्ज (बैड लोन) में भी इजाफा हुआ है। इस पर भी भारतीय बैंकों को पूंजी जरूरतों के अंतरराष्ट्रीय मानकों की पूर्ति करना है। बैंकों में सरकार की ओर से 75 हजार करोड़ रुपये की पूंजी लगाने के कार्यक्रम से पूंजी पर्याप्तता मानकों में सुधार होगा। खान ने कहा कि आने वाले दिनों में बैंकिंग क्षेत्र और प्रतिस्पर्धी बनेगा। अगले माह रिजर्व बैंक कुछ छोटे वित्तीय बैंकों को लाइसेंस देगा। पिछले सप्ताह ही केंद्रीय बैंक ने 11 संस्थानों को 18 माह में पेमेंट्स बैंक शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है।

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