Ranchi: उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियों के लिए झारखंड में कोई स्थान नहीं है। राज्य में काम करने वाली कंपनियों का हृदय से स्वागत है लेकिन फर्जी अथवा छद्म कंपनियों के लिए कतई कोई जगह नहीं है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद मुख्य सचिव ने राज्य के सभी उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किया है। बताते चलें कि राज्य के विभिन्न जिलों में 634 मुखौटा कंपनी के चल-अचल संपत्ति के संचालन, हस्तांतरण एवं उपयोग पर रोक लगा दी गई है।

 

बैंक खाते होंगे सील

मुख्य सचिव ने पत्र के माध्यम से यह कहा है कि मुखौटा कंपनियों के बैंक खातों पर प्रतिबंध के लिए भारत सरकार के कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय तथा इंडियन बैंक एसोसिएशन द्वारा कार्रवाई की जा रही है। इस कार्य में जिले के बैंक की शाखाओं को पत्र देकर और पहल कर बैंकों द्वारा इसका अनुपालन कराने का निर्देश दिया गया।

 

डीसी-एसपी से 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा मुखौटा कंपनियों तथा संदेहास्पद कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। झारखंड की 634 कंपनियों को भी कंपनियों के निबंधक ने कंपनी एक्ट-2013 की धारा 248(5) के तहत सूची से हटा दिया है। ऐसी स्थिति में इन कंपनियों का सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉरपोरेशन रद कर दिया गया है। मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों से 15 दिनों में की गई कार्रवाई से सरकार को अवगत कराने को कहा है।

 

किस जिले में कितनी मुखौटा कंपनी

रांची-214

जमशेदपुर-151

धनबाद-55

हजारीबाग-51

बोकारो-37

देवघर-25

पलामू-21

गिरिडीह-17

चाईबासा-11

गोड्डा-10.