RANCHI: राजधानी में विभिन्न बैंकों से क्लोन चेक के जरिए लोगों के अकाउंट से पैसे निकालने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड एक बैंक मैनेजर है, जो फिलहाल आंध्र प्रदेश के एक बैंक में पोस्टेड है। वह मूल रूप से बिहार का रहनेवाला बताया जाता है। वाइएमसीए के खाते से भ्.70 लाख की निकासी मामले में लालपुर पुलिस को इसी बैंक मैनेजर का हाथ होने की आशंका है। ऐसे में लालपुर पुलिस उसकी तलाश में आंध्रप्रदेश जाने की तैयारी कर रही है। हालांकि इससे पहले अदालत से उसके खिलाफ पुलिस वारंट हासिल करेगी।

ऐसे हुआ था खुलासा

पिछले साल लालपुर पुलिस ने पलामू के साइबर क्रिमिनल गिरोह के एक बहुत बड़े अपराधी को गिरफ्तार किया था, जिसका नाम संतोष कुमार चौरसिया है। उसके तार झारखंड के विभिन्न जिलों के अलावा बिहार व बंगाल से भी जुड़े हैं। गिरोह के झारखंड प्रमुख संतोष कुमार चौरसिया ने यह भी बताया था कि पटना में उसका दोस्त अनु उसे जाली चेक उपलब्ध कराता था, जिसके माध्यम से वह रुपए की निकासी करता था। दोनों की दोस्ती कोलकाता जेल में हुई थी, जहां जाली चेक से भुगतान लेने के चक्कर में ही दोनों कोलकाता के लाल बाजार थाना क्षेत्र से जेल भेजे गए थे। पुलिस ने संतोष चौरसिया के साथ मृत्युंजय कुमार उर्फ विक्की, बिट्टू कुमार उर्फ अमरजीत सिंह, राकेश कुमार को भी गिरफ्तार किया था। इस मामले में अब भी अक्षय कुमार, पटना के अनु व विजय कुमार फरार हैं।

फर्जी नाम पर एकांउट

इस गिरोह के बदमाश अपना फर्जी नाम रखते हैं, फिर उसी नाम से बैंक एकाउंट खोलवाते हैं। फिर धीरे-धीरे ग्राहकों के खाते से पैसे निकासी का काम करते हैं। राकेश उर्फ अजय ने बैंक ऑफ इंडिया की पंडरा शाखा से अजय कुमार सिंह नामक व्यक्ति के खाते में पिछले दिनों पटना के मेसर्स वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूटर्स के जाली चेक से साढ़े छह लाख रुपए निकाले थे।

क्0 मई्र को खुलवाया खाता, क्7 को निकासी

क्0 मई ख्0क्म् को संतोष कुमार चौरसिया ने अपने एक अन्य दोस्त अमरजीत के नाम पर केनरा बैंक सरकुलर रोड में खाता खुलवाया था। इसी खाते में मेसर्स सेन डायग्नोस्टिक बुद्ध मार्ग पटना के ब् लाख 7भ् हजार रुपए जाली चेक से भुगतान करवा लिया था। इस खाते से क्म् व क्7 मई को करीब डेढ़ लाख रुपए निकाल चुके थे, जिससे खरीदे गए जेवरात लेकर दो साथी अक्षय व राकेश पलामू चले गए। क्8 को बाकी राशि निकालने के दौरान दो अन्य साथियों के साथ संतोष भी पकड़ा गया था। पुलिस ने मेन रोड स्थित पीसी ज्वेलर्स से खरीदे गए जेवरात भी बरामद की थी।