- बैंक के समर्थन में एलआईसी के कर्मचारियों ने भी किया प्रदर्शन

- सुबह 11 बजे से ही बैंक में लट गए ताले रोड पर उतरे बैंक कर्मी

BAREILLY:

केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ बैंक अधिकारी और कर्मचारी ट्यूजडे को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों ने जम कर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बैंकों में पूरे दिन ताले लटके रहे। चेक क्लियरेंस, ड्रॉफ्ट और कैश का लेन-देन कोई काम नहीं हो सका, जिस वजह से पब्लिक को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बैंक कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से शहर में करीब 200 करोड़ रुपए का लेन-देन प्रभावित रहा।

पूरे दिन काम-काज रहा ठप

बरेल सहित पूरे देश में करीब 10 लाख कर्मचारी हड़ताल पर रहे। सुबह 11 बजे के करीब बैंक कर्मचारी डीएम कार्यालय के सामने एसबीआई प्रशासनिक कार्यालय पर होकर सरकार की नीतियों और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान जेंट्स के साथ- साथ लेडीज बैंक कर्मचारी और अधिकारी भी मौजूद रही। प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए दिनेश सक्सेना ने कहा कि केंद्र सरकार का रवैया हमेशा से कर्मचारी विरोधी रहा है। यही कारण है कि बैंक कर्मचारी हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हुआ है।

रोजगार देने के नाम पर मजाक

एसबीआई अधिकारी संघ के जोनल सचिव एनएल टंडन ने कहा कि हमारी मांगों की उपेक्षा कर सरकार हिटलर शाही रवैया अपना रही है। 5 डे वीक हमारी लम्बे समय से चल रही मांग है और हम इसे मनवा कर ही रहेंगे। यूपीबीईयू के प्रांतीय सहायक महामंत्री संजीव मेहरोत्रा ने कहा कि देश में 2 करोड़ नए रोजगार सृजित करने का वायदा करने वाली केंद्र सरकार बैंकों में आवश्यक भर्ती भी नहीं होने दे रही है। जबकि सभी काम बैंकों के माध्यम से ही कराए जा रहे है। वहीं दूसरी ओर देश में बेरोजगारी चरम पर है।

निजीकरण की नीतियां न थोपे सरकार

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के अध्यक्ष सुनील मित्तल ने कहा कि सरकार निजीकरण की नीतियां बैंक पर थोप रही है जो अन्याय है। जिसका हम हमेशा विरोध करते रहेंगे। वहीं यूपीबीइयू के अध्यक्ष अरविंद रस्तोगी ने 11 वें वेतन समझौते के लिए वार्तालाप कर जल्द समझौते की मांग को दोहराया। प्रदर्शन में मुख्य रूप से ओपी वडेरा, अजित माथुर, अनुराग, पीपी सिंह, पंकज शर्मा, राकेश शर्मा, जीबी सिंह, डीएन पाराशरी, नावेंद्र, राजीव अग्रवाल, अविनाश, पुष्पेंद्र माहेश्वरी, अरुण कुमार और कौशल सक्सेना सहित अन्य लोग मौजूद रहे।