-बैंकों में बढ़ रही भीड़ को नियंत्रित करने में हलकान हो रहे हैं बैंककर्मी, करेंसी गिनना किसी चैलेंज से नहीं हो रहा कम
-किसी न किसी परेशानी से जूझ रहे हैं शहर के अधिकतर बैंक कर्मी
VARANASI
Case-1
कबीरचौरा स्थित यूनियन बैंक में कार्यरत एक बैंककर्मी सबसे तेज नोट गिनने के लिए जाने जाते हैं। इन दिनों नोट गिनते-गिनते उनके हाथों में छाले भी पड़ जा रहे हैं। छोटे नोट मशीन में रह-रहकर पूरी तरह से फिट नहीं आ रहे हैं तो हाथ से ही गिनना पड़ रहा है।
Case-2
सिगरा स्थित प्राइवेट बैंक में
पिछले चार पांच साल से बतौर कैशियर के पोस्ट पर एसके श्रीवास्तव वर्क कर रहे हैं। बताते हैं कि अब तक लाइफ में पहली बार इतना कैश देख रहा हूं। करोड़ों रुपये देखने को मिल रहे हैं। सुबह से देर शाम तक सिर्फ रुपया ही रुपया दिखाई दे रहा है।
Case-3
कचहरी स्थित एसबीआई में वर्क करने वाले दो से तीन ऐसे बैंक कर्मी हैं जिन्हें लोगों को समझाने व शांत कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि लोगों कीतरह-तरह के सवाल उन्हें मानसिक तनाव दे रहे हैं। सुबह से देर शाम तक बताते-बताते झल्ला भी जा रहे हैं।
ऊपर दिये गये ये केसेज तो महज एक बानगी भर हैं। डिस्ट्रिक्ट के फ्9 बैकों के लगभग साढ़े चार सौ ब्रांचेज में बैंक कर्मियों की हालत खस्ता हो गई है। न दिन में आराम और न रात को चैन वाली उनकी हालत हो गई है। किसी के हाथ में छाले पड़ रहे हैं तो किसी को नोट के मिलान में हो रही गड़बड़ी पर बीपी हाई हो जा रहा है। कोई इसे एडवेंचरस के तौर पर ले रहा है तो कहीं-कहीं बहुत से बैंककर्मी पब्लिक के बेतुके सवालों से आजिज आकर फ्रस्टेट हो जा रहा है। पांच सौ व एक हजार के नोटबंदी के बाद बैंककर्मियों की रूटीन भी बदल गई है। बैंक के अलावा उन्हें घर पर पड़ोसियों के सवालों का भी जवाब देना पड़ रहा है।
चेक क्लीयरेंस भी फंसा
बैंकों के आमदनी का जरिया चेक, बैंक डिमांड ड्राफ्ट सहित कई वर्क फंसा हुआ है। जब से नोटबंदी की घोषणा हुई है उसके बाद से बैंकों में चेक का निस्तारण व बैंक डिमांड ड्राफ्ट रूक सा गया है। हालांकि बहुत से लोग जान बूझकर इन दिनों बैंक ड्राफ्ट बनवाने से गुरेज कर रहे हैं। वहीं बैंकों का भी फिलहाल अभी सिर्फ कैश डिपॉजिट व कैश एक्सचेंज पर ही फोकस है।
वर्क तो करना ही पड़ेगा, चाहे जैसे भी हो कस्टमर्स को बेहतर सुविधा देने की पूरी कोशिश की जा रही है। सुबह जल्दी बैंक पहुंचना और कार्य खत्म होने के बाद ही घर लौटना हो रहा है। बृजेश चौधरी, बैंक कर्मी
डीएलडब्ल्यू
बैंक में तरह-तरह के कस्टमर्स से पाला पड़ रहा है। लेकिन शांतिपूवर्क उनका कैश डिपॉजिट व मनी एक्सचेंज कराया जा रहा है। सभी को बेहतर फैसिलिटीज अवेलेबल कराने के लिए ऑफिसर्स से लेकर स्टाफ तक हार्ड वर्क कर रहे हैं।
संजीव कुमार, बैंक कर्मी
चितईपुर
दिनों दिन कस्टमर्स की भीड़ बढ़ती जा रही है। उन्हें बेहतर सुविधाएं मुहैया हो इसके लिए बैंक लगातार प्रयासरत है। ऑफिसर्स से लेकर स्टाफ तक जी जान से जुटे हुए हैं।
मुहम्मद सैफ, बैंक कर्मी
सिगरा