-75 लाख बैंक कंज्यूमर्स के लिए शुरू हुए मुश्किलों भरे दिन, फाइनेंशियल क्लोजिंग व सरकारी छुट्टियों की वजह से अभी कई दिनों एकाउंट होल्डर्स को झेलनी पड़ेगी मुसीबत

-मुसीबत के पहले दिन ही एटीएम हुए खाली, आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में खुली पोल, किसी का सर्वर बैठा तो कई एटीएम हुआ खराब, कंज्यूमर्स परेशान

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KANPUR :

कंज्यूमर्स को एटीएम की सुविधा इसलिए दी गई है कि कभी-भी, कहीं भी कंज्यूमर्स उसका यूज कर सके। लेकिन अगर वो काम ही नहीं करेंगे तो फिर उसका क्या फायदा? बैंक बंद होने पर भी कंज्यूमर्स एटीएम का से पैसे निकाल सकें। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है और तब जब बैंक कई दिनों के बंद हो चुके हैं। फाइनेंशियल क्लोजिंग व सरकारी छुट्टियों की वजह से सैटरडे से शुरू हुए मुश्किलों भरे दिन आगे भी आपको झेलने पड़ेंगे। क्योंकि सिटी के ज्यादातर एटीएम सैटरडे को ही जवाब दे गए। आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में पूरी पोल गई। लेकिन आप थोड़ी समझदारी दिखाएंगे तो ये मुश्किलें खत्म तो नहीं लेकिन कम जरूर हो सकती हैं।

जगह-फूलबाग स्थित आईसीआईसीआई एटीएम

टाइम-दोपहर के ढाई बजे

एटीएम का दरवाजा खुला था और अंदर रखी कुर्सी पर गार्ड बड़े आराम से गहरी नींद ले रहा था। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने अपना एटीएम कार्ड स्वैप कराया लेकिन एटीएम मशीन की स्क्रीन पर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। रिपोर्टर ने फिर एटीएम निकालकर स्वैप किया लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। करीब क्भ् मिनट में कई बार रिपोर्टर ने ट्राई किया लेकिन हर बार मायूसी हाथ लगी। रिपोर्टर एटीएम से बाहर आया तो वहां खड़े किदवई नगर के विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि एटीएम में पैसे ही नहीं है। उन्होंने बताया कि मैंने कई बार ट्राई किया लेकिन पैसे नहीं निकले तो मुझको शक हुआ लेकिन लगा कि ऐसा तो नहीं कि मेरा एटीएम खराब है। इस वजह से मैं किसी दूसरे कंज्यूमर्स का इंतजार कर रहा था। लेकिन आपके ट्राई करने के बाद अब पूरी तरह साबित हो गया है कि ये एटीएम भी खराब है। जब उनसे रिपोर्टर ने ये पूछा कि ये एटीएम भी खराब है का क्या मतलब? तो उनका कहना था कि भ् एटीएम को वो चेक कर चुके हैं लेकिन कहीं भी पैसा नहीं मिला।

जगह-नजीराबाद रोड स्थित सेंट्रल बैंक एटीएम

टाइम-दोपहर के दो बजे

आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने यहां स्थित एटीएम के अंदर पहुंचकर अपना एटीएम स्वैप कराया। स्वैप कराते ही एटीएम मशीन की स्क्रीन पर एरर दिखाई देना लगा। दो-तीन बार स्वैप कराया गया लेकिन हर बार एरर ही दिखाया।

जगह-80 फिट रोड स्थित इलाहाबाद का बैंक एटीएम

टाइम-रात के 8 बजे

दिन में आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने कई एटीएम चेक किए लेकिन 80 प्रतिशत एटीएम या तो खराब मिले या फिर उनमें पैसे खत्म हो चुके थे। कई एटीएम का सर्वर डाउन था। ऐसे में रात में एटीएम को चेक करने के लिए आई नेक्स्ट रिपोर्टर इलाहाबाद बैंक के एटीएम पर पहुंचा। यहां रिपोर्टर ने एटीएम को स्वैप किया लेकिन यहां भी एटीएम का हाल खराब मिला।

ख्8 मार्च से झेलिए समस्या

शहर के लगभग 7भ् लाख बैंक कस्टमर्स के लिए ये मुश्किलें अभी कई दिन तक चलेंगी। फाइनेंशियल क्लोजिंग व सरकारी छुट्टियों की वजह से आने वाले म् दिनों तक आम जनता के लिए बैंकों के दरवाजे बंद रहेंगे। पैसों की निकासी के लिए पब्लिक के पास एटीएम का ही सहारा रहेगा। लेकिन वो भी दगा देने लगे हैं जबकि बैंक अफसरों का दावा है कि एटीएम में कैश फ्लो की कमी नहीं होने दी जाएगी। मगर, ख्8 मार्च की दोपहर से ही विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी बैंकों के एटीएम धड़ाम होना शुरू हो गए।

ख्8 मार्च से भ् अप्रैल तक

बैंकों में छुट्टियों का सिलसिला ख्8 मार्च से शुरू हो गया है जोकि भ् अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान पब्लिक के पास बैंकिंग लेनदेन के लिए फ्0 मार्च का ही दिन रहेगा। इसके अलावा बाकी सभी दिन बैंकों में आम जनता को मुसीबत झेलनी पड़ेगी। यूपी बैंक इम्प्लॉईज एसोसिएशन के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल सोनकर ने बताया कि इनकम टैक्स, ट्रेड टैक्स और वैट आदि की वजह से फ्क् मार्च को बैंक में व्यापारियों की भीड़ उमड़ती है। इस कारण बैंकों में रात 9 बजे तक कामकाज होता है। जाहिर है व्यापारियों के काम की वजह से फ्क् मार्च को भी आम जनता का काम न के बराबर होगा। बताते चलें कि पहले फ्क् मार्च को फाइनेंशियल क्लोजिंग के कारण एक अप्रैल को बैंककर्मियों को छुट्टी दी जाती थी। मगर, अब यह नियम बदला चुका है। अब फाइनेंशियल क्लोजिंग एक अप्रैल को होती है और उसके अगले दिन बैंक कर्मियों को छुट्टी मिलती है।

क्क्भ्0 एटीएम हैं कानपुर में

शहर की ब्म् सरकारी-प्राइवेट बैंक्स में म्भ्0 ब्रांचेज में करीब 7भ् लाख सेविंग जबकि ख्भ् लाख कॉमर्शियल एकाउंट होल्डर्स हैं। इनमें सबसे ज्यादा खाते एसबीआई और पीएनबी में हैं। इन सभी कस्टमर्स के लिए शहर में कुल क्क्भ्0 एटीएम संचालित हैं। अनिल सोनकर के अनुसार सेविंग एकाउंट्स में क्रमिक इजाफा हो रहा है। पहले ही करीब 8.ख्भ् लाख कस्टमर्स को डेबिट-क्रेडिट कार्ड इश्यू किये गए हैं। जनधन योजना की वजह से कार्ड धारकों की संख्या में और ज्यादा इजाफा हो गया है। नियम है कि सरकारी बैंकों में छुट्टियों में आउटसोर्सिग से पैसा नहीं रखा जाता।

क्0 हजार करोड़ का लेनदेन प्रभावित

सिटी की सभी बैंक्स में रोजाना करीब क्,फ्क्0 करोड़ का फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन होता है। इनमें नकद निकासी, नकद जमा, आरटीजीएस, एनआईएफटी के अलावा अन्य लेनदेन शामिल हैं। जाहिर है इन 8 दिनों की बंदी के कारण करीब क्0 हजार करोड़ के बैंकिंग लेनदेन पर असर पड़ेगा। बंदी के बाद सबसे बड़ा लोड चेक क्लियरिंग का होगा। इसे नॉर्मल करने में फ्-ब् दिन का वक्त लगेगा। इस कारण खाताधारकों की मुसीबत बैंक खुलने के फ्-ब् दिन बाद तक जारी रहेगी।

एक नजर इधर भी

नकद जमा : ख्ख्0 करोड़

बैंक काउंटर से नकद निकासी - क्म्0 करोड़

एटीएम से निकासी - ख्ब्0 करोड़

आरटीजीएस - ख्00 करोड़

चेक क्लियरिंग - ख्ब्0 करोड़

अन्य लेनदेन - ख्भ्0 करोड़

कुल - क्फ्क्0 करोड़

कब-कब होगी बंदी?

ख्8 मार्च - रामनवमी

ख्9 मार्च - संडे

फ्क् मार्च - व्यापारियों का टैक्स जमा

क् अप्रैल - फाइनेंशियल क्लोजिंग की छुट्टी

ख् अप्रैल - महावीर जयंती

फ् अप्रैल - गुड फ्राइडे

ब् अप्रैल - सैटरडे हॉफ डे वर्किग

भ् अप्रैल - संडे

(नोट : किसी भी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए सेविंग एकाउंट होल्डर्स के पास सिर्फ फ्0 मार्च का दिन ही है.)

ø अभी करीब म् दिनों तक बैंक बंद रहेंगे.निकासी के अलावा सबसे ज्यादा मुश्किल चेक क्लियरिंग और आरटीजीएस को लेकर आएगी। एटीएम भी खाली हो जाएंगे।

- अनिल सोनकर, डिप्टी सेक्रेटरी, यूपी बैंक इम्प्लॉईज एसोसिएशन

-बैंकों के एटीएम में छुट्टी की वजह से कुछ प्रॉब्लम आ सकती है लेकिन फिर भी एटीएम में पैसे खत्म न हो इसके लिए विशेष इंतजाम बैंक प्रशासन की ओर से किए गए हैं। सर्वर डाउन जैसी प्रॉब्लम टेक्निकल हैं।

आईजे सिंह, चीफ मैनेजर, बीओबी