रियलिटी चेक

- पीलीभीत बाईपास स्थित बैंक्वेट हॉल पहुंची दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम

- हाइवे के कि नारे अवैध पार्किंग की कही बात, चोरी या डैमेज जिम्मेदार आयोजक

BAREILLY:

बरेली विकास प्राधिकरण बारातघर, बैंक्वेट हॉल को रेग्युलराइज करने जा रहा है। जारी हुई लिस्ट के मुताबिक अवैध संचालित बैंक्वेट हॉल पीलीभीत बाईपास, मिनी बाईपास और बदायूं रोड की तरफ हैं। जिन्होंने हाइवे के किनारे अपना डेरा डाल रखा है, जो छोटी-छोटी सुविधाओं के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। सुविधाओं का जिक्र तो मिला, लेकिन सबसे अहम वैध पार्किंग का जिक्र ब्रोशर और बात दोनों से ही गायब रहा। मंडे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने बैंक्वेट हॉल का रियलिटी चेक किया। तो हकीकत उजागर हुई। संचालकों ने रोड के किनारे ही फोर व्हीलर्स पार्किंग का दावा किया। क्या रहा पढि़ए

'व्हीकल्स की जिम्मेदारी नहीं'

टीम सबसे पहले पवन विहार के नजदीक स्थित मन्नत लॉन एंड बैंक्वेट हॉल पहुंची। वहां मौजूद एक युवक ने टीम को पूरा हाल घुमाया। इस दौरान एक के बाद एक सुविधाओं का जिक्र जारी रहा। इसके बाद जनरल मैनेजर निक्की वर्मा ने डेढ़ लाख रुपए से अधिक बुकिंग चार्ज बताया, लेकिन जब पार्किंग की बात की गई तो मैनेजर ने कहा चाहे जितनी गाड़ी हो सब पार्क हो जाएंगी। गार्ड गाड़ी की सुरक्षा करते हैं। बैंक्वेट हॉल के ठीक सामने रोड के किनारे व्हीकल्स पार्क कराने को कहा। वहीं, पास ही खोखे पर खड़े एक युवक से टीम ने बात की तो कहा कि यहां गाडि़यों का जमावड़ा लगने से अक्सर रात में जाम रहता है। हादसे का डर रहता है।

'रोड के किनारे लग जाएंगी'

टीम फिर सौ फुटा रोड स्थित रमा पैलेस पर पहुंची। वहां कोई मौजूद नहीं था। एक सफाईकर्मी खाना खाता मिला। उससे ओनर या मैनेजर का नंबर पूछा तो कहा कि बाहर बोर्ड पर लगा है। बोर्ड पर लिखे नंबर पर कॉल किया तो केपी गंगवार ने कॉल रिसीव किया। जिन्होंने पानी, डिस्पोजल, जेनरेटर डीजल, डीजे व अन्य सभी सामान खुद से अरेंज करने को कहा। साथ ही, बुकिंग 65 हजार रुपए बताया। इसके बाद जब पार्किंग की बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे पास पार्किंग नहीं है, रात में स्टे होता है तो गाडि़यां ऑन रोड यानि हाइवे के किनारे लाइन से खड़ी हो जाएंगी। गाड़ी चोरी हो या डैमेज यह उनकी जिम्मेदारी नहीं।

कंपाउंडिंग के बाद कार्रवाई

मामले पर जब बीडीए अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बरेली में चल रहे 90 परसेंट बैंक्वेट हॉल, बारात घर अवैध हैं। किसी का नक्शा पास नहंीं। ऐसे में वह कंपाउंडिंग फाइल करें। फिर संबंधित जेई और नक्शा बाबू ऑन स्पॉट पहुंचकर लोकेशन देखेंगे। वैध नक्शा देने के लिए एक्ट के नियमों का पालन पाया गया तभी उन्हें वैधता का सर्टिफिकेट मिलेगा। अन्यथा सुझाव देकर उन्हें सुविधाएं मुहैया करानी होंगी। ऐसा नहीं हुआ तो बैंक्वेट हॉल या बारात घर या लॉन को सील कर दिया जाएगा। इसमें किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं होगी। कोर्ट में मामला जाएगा तो उसे कोर्ट के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।

सभी बारातघर, बैंक्वेट हॉल किसी का नक्शा पास नहीं है। कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। तय समयसीमा में नक्शा कंपाउंडिंग के लिए नहंीं मिला तो कार्रवाई की जाएगी।

सुरेंद्र प्रसाद, सचिव, बीडीए