- वर्ष 1998 से चल रहा था मामला, डीईओ के पक्ष में फैसला

- ट्यूजडे को रक्षा संपदा विभाग की टीम ने कब्जा मुक्त कराई जमीन

<- वर्ष क्998 से चल रहा था मामला, डीईओ के पक्ष में फैसला

- ट्यूजडे को रक्षा संपदा विभाग की टीम ने कब्जा मुक्त कराई जमीन

BAREILLY:

BAREILLY:

पिछले म् दशकों से अवैध कब्जे में फंसी अपनी जमीन को वापस लेने की रक्षा संपदा विभाग की लंबी जद्दोजहद ट्यूजडे को रंग लाई।

मामले में बरेली कैंट बोर्ड ने करीब ब्0.ब्ख् एकड़ जमीन से कब्जा छुड़ाने में कामयाबी हासिल की। हाईकोर्ट के आदेश के बाद ट्यूजडे को कैंट बोर्ड ने जमीन पर अवैध कब्जा हटाकर खाली कराया। शाहजहांपुर कैंट से सटी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए रक्षा सम्पदा अधिकारी प्रमोद कुमार सिंह ट्यूजडे को अपनी टीम के साथ शाहजहांपुर गए थे। टीम में प्रद्युम्न चौहान, महेश बिष्ट व वीरेंद्र गुप्त थे। टीम ने अवैध कब्जेदारों से जमीन पर कब्जा हटाकर शाहजहांपुर कैंट बोर्ड को साैंप दिया।

बहस के बाद छाेड़ा कब्जा

डीईओ प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि कब्जा छुड़ाने के लिए पहुंचते ही अवैध कब्जेदारों को जमीन खाली करने के निर्देश दिए गए। इस पर कब्जेदार बहस करने लगे। बाद में कोर्ट के फैसले की कॉपी दिखाने पर कब्जेदार प्रभात किशोर मिश्रा, आदित्य किशोर मिश्रा और पुनीत किशोर मिश्रा ने जमीन से कब्जा हटाया। वहीं जमीन से कब्जा मुक्त करने का पत्र रक्षा सम्पदा अधिकारी को सौंप दिया। इस मामले में डीईओ प्रमोद सिंह ने फौरी कार्रवाई करते हुए जमीन शाहजहांपुर कैंट बोर्ड के सीईओ नागेश पांडेय को सौंप दी है।

ख्ब् मार्च को आया फैसला

शाहजहांपुर के गिरिजा किशोर मिश्रा का रक्षा सम्पदा विभाग की ब्0.ब्ख् एकड़ जमीन पर करीब छह दशकों से कब्जा था, जिसका मामला साल क्998 से हाईकोर्ट में लंबित था। गिरिजा किशोर की मौत के बाद उनकी पत्‍‌नी दुर्गा देवी और बेटे प्रभात, आदित्य, पुनीत, अरुण ने कब्जा बरकरार रखा। म् सिंतबर ख्0क्0 को हाईकोर्ट को कब्जा छोड़ने का फैसला सुनाने के बाद भी कब्जा धारक बार-बार पुनर्विचार याचिका हाईकोर्ट में डालते रहे। ख्ब् मार्च ख्0क्7 को जमीन को कब्जा मुक्त कराने का फिर फैसला हुआ। जिसके बाद जमीन को कब्जा मुक्त कराया जा सका।