नगर निगम को 15,774 करदाताओं ने 11.59 करोड़ जमा किया टैक्स

छूट के बावजूद सितंबर तक 14,554 करदाताओं ने ही निभाई जिम्मेदारी

>BAREILLY: शहर के विकासकार्यो में सहभागिता निभाने और टैक्स चुकाकर अपने हिस्से की जिम्मेदारी पूरी करने में बरेली के बाशिंदों ने फिर निराश किया है। शहर में नगर निगम के रजिस्टर्ड 1.42 लाख करदाताओं में से महज 15,774 ने ही 11.59 करोड़ का टैक्स जमा किया है। वहीं बार-बार की अवेयरनेस मुहिम चलाने और एकमुश्त टैक्स में छूट की सुविधा देने के बावजूद बरेली के करीब 90 फीसदी करदाता टैक्स अदा करने में गैर जिम्मेदार साबित हुए हैं। फाइनेंशियल ईयर 2016-17 की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर में करदाताओं की इस बेरुखी से निगम का खजाना खाली है। वहीं अधिकारी साल खत्म होने तक शासन की ओर से दिए गए टैक्स टारगेट से पिछड़ने की आशंका जता रहे हैं।

11 फीसदी ने दिया टैक्स

निगम ने बीते सत्र में 56 करोड़ से ज्यादा का टैक्स जुटाकर शासन से मिले टैक्स टारगेट को भी पछाड़ दिया था। पुरानी कामयाबी से जोश पाकर इस सत्र में भी निगम बोर्ड बैठक में पहली बार करदाताओं के लिए एकमुश्त टैक्स में छूट की सीमा 10 से बढ़ाकर 15 फीसदी तक की गई। वहीं 30 सितंबर तक छूट की सीमा 5 फीसदी रखी गई, लेकिन छूट की समय सीमा तक महज 14,554 करदाताओं ने ही टैक्स जमा किया। वहीं 21 अक्टूबर तक यह आंकड़ा 15,774 पर पहुंच गया। जो कुल रजिस्टर्ड करदाताओं का महज 11.10 फीसदी ही है।

आदेश पर इंतजार बरकरार

भाजपा शहर विधायक डॉ। अरुण कुमार व भाजपा संघर्ष समिति की ओर से दायर रिट पर कोर्ट ने 22 अगस्त को दिए अपने फैसले में रिवाइज्ड टैक्स दरों पर रोक लगा दी। हालांकि शहर विधायक की ओर से कोर्ट के आदेश की कॉपी तो मुहैया नहंी कराई गई, लेकिन उनकी ओर से रिवाइज्ड टैक्स दरों पर रोक लगने की चर्चाओं से निगम ही नहीं करदाता भी सकते में आ गए। वहीं कोर्ट के फैसले के दो महीने बाद भी ऑर्डर कॉपी न मिलने से पूरे मामले में इंतजार और सस्पेंस बढ़ता जा रहा है।

दो महीने में घटा टैक्स

टैक्स की दरों पर भाजपा की रिट पर आए हाईकोर्ट के फैसले के बाद से टैक्स जमा करने वालों की तादाद में कमी आई है। कोर्ट के आदेश के बाद रिवाइज्ड दरों में अंतर होने से करदाताओं ने टैक्स जमा करने से हाथ पीछे खंींच लिए हैं। अगस्त महीने में जहां करदाताओं से निगम को 60 लाख टैक्स मिला। वहीं सितंबर में यह ग्राफ तेजी से घटकर 30 लाख पर गिर गया। जबकि अक्टूबर में भी यह आंकड़ा महज 38 लाख रुपए ही रहा।

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टैक्स वसूली का ग्राफ काफी कम रहा है। कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी का हमें भी इंतजार है, जिससे इस पर आगे का कदम उठा सकें। दीपावली के बाद टैक्स वसूली अभियान शुरू कराया जा रहा है।

- शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त