आखिर कैसे कोई पढ़े, कैसे कोई बढ़े

-अंधेरे और गर्मी में स्कूल्स में बच्चों को होती परेशानी

-पढ़ाई के वक्त टपकता है बच्चों को पसीना, पढ़ाई पर असर

BAREILLY

डिस्ट्रिक्ट के 136 परिषदीय स्कूल्स में अंधेरा है। अब ऐसे में सवाल यह है कि बच्चे कैसे पढ़ेंगे और कैसे आगे बढ़ेंगे। उमस भरी गर्मी में बच्चों को मुश्किलों से दो-चार होना पड़ रहा है। स्कूल्स में बच्चे पसीने में तरबतर रहते हैं, लेकिन उनके सामने मजबूरी यह है कि उन्हें गरीबी के चलते स्कूल में पढ़ कर आगे बढ़ना है। हैरानी की बात तो यह है कि विभागीय अधिकारी हकीकत से अनजान भी नहीं हैं लेकिन फिर भी व्यवस्था में सुधार नहीं कर रहे हैं।

जिले में हैं 3036 स्कूल्स

मालूम हो कि जिले में 3036 गवर्नमेंट स्कूल्स हैं। इनमें से सिटी एरिया में 70 और 2966 स्कूल्स रूरल एरियाज में हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते अब तक 136 स्कूल्स में बिजली का कनेक्शन नहीं लग सका है। यह खुलासा उस वक्त हुआ जब बिजली विभाग की ओर से भेजे गए बिलों का सत्यापन कराया गया। इन स्कूल्स में लाइट नहीं होने का असर शैक्षिक गुणवत्ता पर पड़ रहा है। स्टूडेंट्स मन लगाकर नहीं पढ़ पाते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि बिलों के सत्यापन के बाद बेसिक शिक्षा विभाग को जब पता चला किया कि 136 स्कूल्स में बिजली कनेक्शन नहीं है। इसके बाद भी उन्होंने कोई पहल अभी शुरू नहीं की।

वर्जन

स्कूल में लाइट नहीं है। इस कारण काफी गर्मी लगती है। पढ़ने बैठो, तो पसीना टपकने लगता है। इस कारण पढ़ाई में मन नहीं लगता है।

रिया, छात्रा

लाइट नहीं होने के कारण हर वक्त क्लास में अंधेरा रहता है। अंधेरा होने के कारण टीचर ब्लैक बोर्ड पर क्या लिखते हैं। यह भी समझ में नहीं आता है।

छाया, छात्रा

स्कूल्स में लाइट का नहीं होना एक गंभीर समस्या है। जल्द ही स्कूल्स में लाइट कनेक्शन के लिए प्रस्ताव तैयार करके शासन को भिजवाया जाएगा। ताकि स्टूडेंट्स की इस समस्या को दूर किया जा सके।

एश्वर्या लक्ष्मी यादव, बीएसए

शासन ने इस मद में जो बजट भेजा था, उससे विभाग द्वारा कनेक्शन करा दिए गए हैं। जो बाकी रह गए हैं, उनमें जल्द बिजली के कनेक्शन हो सकें, इसलिए शासन से बजट की मांग की जाएगी।

गौरव दयाल, डीएम