डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में ओपीडी-इमरजेंसी से भगाए जा रहे मरीज, शुरू हुई फीवर हेल्प डेस्क

BAREILLY:

डेंगू, मलेरिया, जेई और वायरल फीवर की दहशत के बीच बुखार से बेहाल मरीजों को इलाज देने की बजाय भगाया जा रहा है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीज ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड के बीच चक्कर ही काटते रह जा रहे। ओपीडी के डॉक्टर्स जहां कई मरीजों को इमरजेंसी जाने के लिए कह रहे हैं तो वहीं इमरजेंसी पहुंचने पर मरीजों को ओपीडी के डॉक्टर से एडमिट होने का बीएसटी भरवाने की बात कहकर लौटा दिया जा रहा। परेशान मरीज इमरजेंसी वार्ड में शुरू हुई फीवर हेल्प डेस्क के पास फरियाद लेकर पहुंच रहे। परेशान मरीज ओपीडी व इमरजेंसी वार्ड से बुखार का इलाज न मिलने पर सीएमएस डॉ। परवीन जहां के पास मदद की गुहार लगाने को मजबूर है।

फीवर हेल्प डेस्क भी लाचार

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में फिजिशियन और पीडियाट्रिशियन के पास पहुंच रहे कुल मरीजों में बुखार से पीडि़तों का आंकड़ा आधे से भी ज्यादा है। मरीजों को इलाज में परेशानी न हो इसके लिए हॉस्पिटल की ओर से इमरजेंसी वार्ड में ही 'फीवर हेल्प डेस्क' की सुविधा शुरू की गई है। ओपीडी में चल रही हेल्प डेस्क से इतर फीवर हेल्प डेस्क सुविधा बुखार से पीडि़त मरीजों के लिए ही है। लेकिन पिछले दो दिन में इलाज न मिलने की कंप्लेन लेकर 70 से ज्यादा बुखार से पीडि़त मरीज मदद की गुहार लगा चुके हैं। फीवर हेल्प डेस्क की ओर से मरीजों को ओपीडी व इमरजेंसी के डॉक्टर के पास भेजे जाने पर भी इलाज नहीं मिल रहा।

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बुखार से बुजुर्ग की मौत

जानलेवा बुखार की चपेट में आकर सैटरडे को एक और मरीज की जिंदगी खत्म हो गई। पीलीभीत के जहानाबाद निवासी नबी शेर अली, उम्र 61 साल की पिछले कई दिनों से तबीयत खराब थी। परिजनों के मुताबिक उन्हें दिमागी रूप से भी कुछ दिक्कत थी। बुखार के चलते उनके तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें इमरजेंसी एम्बुलेंस से सैटरडे दोपहर 2 बजे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड लेकर पहुंचे। लेकिन इलाज से पहले ही मरीज ने दम तोड़ दिया।

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