-एक ही बिल्डिंग में चला रहे हैं हिन्दी-इंग्लिश मीडियम की क्लासेज

-स्कूल्स संचालक स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ कर रहे हैं खिलवाड़

>BAREILLY : स्कूल संचालकों ने शिक्षा को धंधा बना लिया है। संचालक ज्यादा से ज्यादा बच्चों का एडमिशन अपने स्कूल में लेने के लिए हर वो हथकंडा अपना रहे हैं, जिससे पेरेंट्स अपने बच्चों का एडमिशन उनके स्कूल में करा दें। हालत यह है कि एक ही बिल्डिंग में हिंदी और इंग्लिश दोनों मीडियम की मान्यता का भी दावा किया जा रहा है। जो कि नियमों के खिलाफ है। सब कुछ जानते हुए भी पेरेंट्स को भ्रमित करने के लिए स्कूल संचालक ऐसा कर रहे हैं। जबकि जिम्मेदार कार्रवाई के नाम पर मौन हैं।

2000 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल

डिस्ट्रिक्ट में दो हजार से ज्यादा प्राइवेट स्कूल्स हैं। जबकि साल दर साल स्कूल की संख्या में इजाफा होता ही जा रहा है। इन स्कूल्स में करीब तीन लाख स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि स्कूल्स संचालक पेरेंट्स का अट्रैक्ट करने के लिए स्कूल में हवादार कमरे, बेहतर शिक्षण, क्वालीफाइड टीचर्स, एक्टिविटीज, कम्प्यूटर लैब, ई-लर्निग आदि का का दावा करते हैं। पेरेंट्स स्कूल संचालकों के इस झांसे में आ जाते हैं। जबकि हकीकत कुछ और ही हाेती है।

नहीं लग सकती हैं क्लासेज

अधिक से अधिक स्टूडेंट्स उनके यहां आएं, इसलिए स्कूल संचालक हिन्दी और इंग्लिश दोनों मीडियम की मान्यता होने का दम भरते हैं। इतना ही नहीं, स्कूल की बिल्डिंग, बैनर पोस्टर आदि पर दोनों ही मीडियम की मान्यता लिखवा रखी है। इससे पेरेंट्स भ्रमित हो जाते हैं और वह जाने-अनजाने में बच्चों का एडमिशन ऐसे स्कूल में करा देते हैं, जिससे उनके बच्चों का फ्यूचर पर खतरा मंडराने लगता है। नियमानुसार एक बिल्डिंग में हिन्दी और इंग्लिश दोनों मीडियम की क्लासेज नहीं चल सकती है।

मौन हैं विभागीय अधिकारी

वहीं इस पूरे मामले में विभाग का रवैया बहुत ही लापरवाही भरा है। एक तो बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल संचालक से साठगांठ कर एक ही बिल्डिंग पर दो मीडियम की मान्यता दे दी। वहीं, अब प्राइवेट स्कूल संचालकों की इस मनमानी पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी मौन है। वे कार्रवाई के नाम पर ऑफिस से नहीं निकल रहे हैं।

नियमानुसार एक बिल्डिंग पर दोहरी मान्यता नहीं मिल सकती है। किसी स्कूल ने गलत तरीके से दोहरी मान्यता ले ली है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

एनके पंवार, नगर शिक्षा अधिकारी