-सिलिंडर में 2013 में भरी गई थी गैस

-दो साल पहले शॉर्ट सर्किट की वजह से ऑडिटोरियम में लगी थी आग

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BAREILLY

देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईवीआरआई में साइंटिस्ट जान को हथेली पर रखकर रिसर्च कर रहे हैं। क्योंकि एडमिनिस्ट्रेशन के पास आग की घटना से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं है। हालांकि एडमिनिस्ट्रेशन ने एहतियात के तौर पर जगह-जगह फायर इक्सटिंग्यूशर लगा रखे हैं। लेकिन उन्हें रिफलिंग कराए दो साल से अधिक का समय बीत चुका है। कैंपस में लगे 128 फायर इक्सटिंग्यूशर एक्सपायर हो चुके हैं। ऐसे में आईवीआरआई कैंपस में आग लगती है, तो एडमिनिस्ट्रेशन के पास मौजूद बचाव के साधन फुस्स होना तय है।

2014 में लगी थी आग

दो साल पहले आईवीआरआई के ऑडिटोरियम शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी। आग इतनी भयावह थी कि उसे बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड के साथ एयर फोर्स को अपनी पूरी ताकत झोंकनी पड़ी। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया था। वहीं, रात होने के कारण इस हादसे में कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन आईवीआरआई एडमिनिस्ट्रेशन को काफी आर्थिक क्षति झेलनी पड़ी थी। चौंकाने वाली बात यह है कि आईवीआरआई प्रशासन कैंपस में लगी आग के बाद भी नहीं चेती है। कैंपस में लगे फायर इक्सटिंग्यूशर में गैस की रिफलिंग नहीं कराई गई है। वाई ब्लॉक में रखे फायर एक्सटिंग्यूशर ने 26 मार्च 2013 को गैस रिफलिंग की थी। जेड कोजी फायर कंट्रोल सिस्टम्स ने यह गैस रिफलिंग की थी। साथ ही उसने आईवीआरआई प्रशासन को बताया था कि एक साल बाद फायर इक्सटिंग्यूशर एक्सपायर हो जाएगा। इसलिए 25 मार्च 2014 को फायर इक्सटिंग्यूशर की रिफलिंग करा लें। आईवीआरआई प्रशासन ने हिदायत को दरकिनार करते हुए एक्सपायरी डेट बीतने के बाद भी रिफलिंग नहीं कराई है।

128 फायर इक्सटिंग्यूशर हुए एक्सपायर

वाई ब्लॉक में करीब 60 वैज्ञानिकों के कार्यालय हैं। जो डिफरेंट टॉपिक पर रिसर्च करते हैं। इन वैज्ञानिकों को आग के हादसों से बचाने की जिम्मेदारी 128 फायर इक्सटिंग्यूशर रखे हैं। लेकिन रिफलिंग नहीं होने के कारण बेकार पड़े हैं। इस कारण वैज्ञानिकों को हर वक्त हादसा होने की चिंता सताती रहती है।

वर्जन

मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। जल्द मैं खुद चेक करुंगा। फायर इक्सटिंग्यूशर की रिफलिंग नहीं होना एक गंभीर मुद्दा है। जल्द ही रिफलिंग कराई जाएगी।

संजय कुमार, सिक्योरिटी इंचार्ज