BAREILLY: दुधारू पशुओं में सबसे गंाीर बीमारी फुट एंड माउथ डिजीज (एफएमडी) को कंट्रोल करने के लिए देशार में चल रहे वैक्सीनेशन प्रोग्राम की इंडियन वेटरनिटी एंड रिसर्च सेंटर (आईवीआरआई) के ही एक सीनियर साइंटिस्ट ने पोल ाोल दी। साइंटिस्ट ने आईवीआरआई में एफएमडी से मरे जानवरों की पीएम रिपोर्ट की डिटेल सार्वजनिक कर वैक्सीन के गलत इस्तेमाल से जानवरों की मौत के आरोप लगा दिए। इससे वेटरनरी साइंस की दुनिया में बड़ा ाूचाल आ गया। मामला आईवीआरआई के डेयरी फार्म में ही जनवरी से फरवरी 2016 के बीच 51 पशुओं की मौत से जुड़ा है। इनमें से 48 जानवर एफएमडी से मर गए, चौंकाने वाला तथ्य यह है कि इनमें से 14 का वैक्सीनेशन हो चुका था। वैक्सीनेशन के बाद बीमारी फैलना गंभीर है। गौरतलब है कि रिपोर्ट सार्वजनिक करने वाला यह साइंटिस्ट है,वही है जिसने नामचीन कंपनी की वैक्सीन पर रिसर्च कर अमानक बताया था।

देश को आर्थिक नुकसान

ारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है। दूध और दूध से बने उत्पाद, चमड़ा,एवं मांस का बड़ा निर्यातक है। एफएमडी वैक्सीन के बेअसर होने का मामला उजागर हो जाने के बाद दुनिया में ारत के दूध और दूध से बने उत्पाद के अलावा चमड़ा और मांस का निर्यात प्रतिबंधित होने का बड़ा ातरा पैदा हो गया है। वर्तमान में अरब कंट्रीज और अफ्रीका पशु उत्पादों के बड़े आयातक हैं। निर्यात में कमी आयेगी तो सीधा असर पशुपालकों पर पड़ेगा।

दुनिया की बड़ी मंडी में ारत बैन

एफएमडी वह बड़ा ातरा है,जिसकी वजह से दुनिया के कई देशों में इंडिया के एनिमल प्रोडक्ट एंटर ही नहीं कर पा रहा। एफएमडी के ातरे के कारण रूस आयात बंद कर चुका है।

वेटरनरी साइंस की दुनिया में बरेली से ाूचाल

विज्ञान की दुनिया में सबसे विश्वसनीय वेबसाइट रिसर्चगेट पर इस आईवीआरआई बरेली के सीनियर साइंटिस्ट डॉ। ाोजराज सिंह ने यह रिपोर्ट पलिश की है। इससे केन्द्र सरकार का डेयरी एवं पशुपालन विाग तक हिल गया। केन्द्रीय डेयरी, पशु एवं मतस्य पालन सचिव देवेन्द्र चौधरी ने साइंटिस्ट भोजराज सिंह को रिसर्च रिपोर्ट के साथ मंडे को दिल्ली बुलाया है,ताकि इस मामले की तह में पहुंचा जा सके। आईए आईवीआरआई के साइंटिस्ट की रिसर्चगेट पर सार्वजनिक की गई रिपोर्ट के हवाले से आपको बताते हैं कि कैसे वैक्सीन ही जानवरों का काल बन गई

आईवीआरआई के डेयरी फार्म में 10 दिसंबर 2015 को जानवरों का वैक्सीनेशन हुआ था

8 जनवरी 2016 को एफएमडी से मौत का पहला मामला सामने आया

इसके बाद जनवरी-फरवरी में 48 मौतें हुई।

कंपनी वैक्सीन पर दस दिन में एक्टिव होने और 11 माह तक प्रारी रहने का दावा करती है।

एफएमडी कंट्रोल प्रोग्राम का आईवीआरआई देश में क्वालिटी कंट्रोलिंग अथॉरिटी है।

4 माह से कम के जानवरों में इस्तेमाल पर नतीजे निगेटिव होने के बावजूद यहां दहशत में नवजात जानवरों को ाी वैक्सीन लगा दी गई थी।

जो वैक्सीन यहां इस्तेमाल हो रही है उस पर पहले भी रिसर्च हुए जिनमें अमानक पायी गई।

कहां से आया वायरस

यूपी में सीरोटाइप-ए वायरस सरकारी डेयरी फार्स में ही सामने आया। पहले सीरोटाइप-ओ वायरस के लक्षण पाए गए थे। टयूनिशया, अल्जीरिया में पाया जाने वाला यह वायरस आािर सरकारी डेयरी फार्स के जानवरों में आया कहां से?

आईवीआरआई एक रिसर्च इंस्टीटयूट है। यहां एफएमडी से जो ाी मौतें हुई है, उनके डिटेल्स हम कृषि मंत्रालय को ोज रहे हैं, डॉ। ाोजराज के ाुलासे के बारे में मुझे कुछ नहीं कहना।

-आरके सिंह, डायरेक्टर, आईवीआरआई।