- साफ-सफाई और शुद्धता का नहीं रखते हैं ख्याल

>BAREILLY: बरेली जंक्शन पर लंबे अरसे से अवैध वेंडर्स का कब्जा है, जो पैसेंजर्स को बीमारी बेच रहे हैं। जबकि रेलवे अधिकारियों की सघन चेकिंग भी होती है लेकिन सिर्फ खानापूर्ति के लिए। यदि कभी ज्यादा सख्ती हुई भी तो दो-तीन अवैध वेंडर का चालान कर पूरे मामले पर परदा डालने की कोशिश होती है। जबकि वेंडर्स मुसाफिरों की हेल्थ के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। वेंडर्स पैसेंजर्स को जो खाद्य पदार्थ परोस रहे हैं उसमें साफ-सफाई का ख्याल नहीं रखते हैं।

प्लेटफार्म 2,3 और 4 पर कब्जा

अवैध वेंडर सबसे अधिक प्लेटफार्म 2, 3 और 4 नंबर पर सक्रिय हैं। अवैध वेंडर्स प्लेटफार्म नम्बर 1 पर आने से बचते हैं। क्योंकि नम्बर 1 प्लेटफार्म पर एसएस, आरपीएफ, जीआरपी, फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट सहित अन्य सेक्शन के अधिकारी बैठते हैं। कार्रवाई होने के डर से वह इनके नजर में आने से बचते हैं। हालांकि, कई अधिकारियों ने अवैध वेंडर के संरक्षण भी दे रखा है। ज्यादातर अवैध वेंडर सुभाषनगर की तरफ से प्लेटफार्म पर आकर आना धंधा चलाते हैं।

साफ-सफाई का ध्यान नहीं

ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में अवैध वेंडर्स खाने-पीने के सामान की साफ-सफाई और उसके शुद्धता का ध्यान नहीं रखते हैं। जिससे खाद्य सामाग्री खाने योग्य नहीं होती है, जिसे खाने से स्वास्थ्य को भी नुकसान होता है। सिंथेटिक दूध से चाय बना कर बेंचते हैं।

वर्दी का लेते है सहारा

कार्रवाई से बचने के लिए कई अवैध वेंडर्स वर्दी का सहारा ले रहे हैं। लीगल वेंडर्स से मिलती-जुलती वर्दी पहनकर अपना धंधा चला रहे हैं। तीन दिन पहले हुई चेकिंग में 5 अवैध वेंडर पकड़े भी गए थे। इतना ही नहीं कुछ ने तो अपने छोटे बच्चों को इस काम में लगा रखा है। ताकि, वह पकड़े भी जाए तो अधिकारियों की कार्रवाई से बच जाए।

132 है लीगल वेंडर

बरेली जंक्शन पर 132 लीगल वेंडर हैं। जिन्हें रेलवे ने खानपान की सामग्री बेचने के लिए परमिशन दे रखाी है, लेकिन अवैध वेंडर्स के सक्रिय होने इनके बिजनेस पर भी असर पड़ रहा है। इन्होंने रेलवे प्रबंधन से इस संबंध में कई बार शिकायत किया, लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ।

अवैध वेंडर के खिलाफ चेकिंग अभियान चला कर कार्रवाई की जाती है। पिछले दिनों अवैध वेंडर पकड़े भी गये थे। 132 लीगल वेंडर हैं।

चेतन स्वरूप शर्मा, स्टेशन सुपरिंटेंडेंट