-793 स्कूल्स के लिए आठ-आठ हजार में खरीदी गई साइंस किट
-घोटाले पर अधिकारियों ने साध रखी है चुप्पी
क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ
जूनियर हाईस्कूल के स्टूडेंट्स के लिए साइंस किट की खरीद-फरोख्त में बेसिक शिक्षा विभाग का बड़ा घोटाला कर दिया। खरीदे गए सामान की गुणवत्ता से समझौता कर अधिकारी करीब 50 परसेंट कमीशन का खेल कर गए। घोटाले भनक दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को लगी तो पड़ताल में गोलमाल की परत-दर-परत खुलती गई। मामला तूल पकड़ता देख उच्चाधिकारी भी हरकत में आ गए। आनन-फानन में जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया।
793 स्कूल्स को आया बजट
शासन ने लास्ट ईयर डिस्ट्रिक्ट के 793 स्कूल्स की एसएमसी के खाते में साइंस किट खरीदने के लिए आठ-आठ हजार रुपए भेजे थे। अधिकारियों ने साइंस किट में खेल करते हुए एसएमसी से न्याय पंचायत रिसोर्स सेंटर पर आठ-आठ हजार के चेक ले लिए। साथ ही, एसएमसी को साइंस किट मुहैया करा दी। टीचर्स ने जब किट खोलकर देखी, तो उसकी गुणवत्ता देखकर वे हैरान हो गए। उन्होंने किट की गुणवत्ता पर ऐतराज जताया।
बाजार में कराया मूल्यांकन
शासन ने 63,44,000 रुपए लास्ट ईयर डिस्ट्रिक्ट के 793 स्कूल्स की एसएमसी के खाते में साइंस किट खरीदने के लिए आठ-आठ हजार रुपए भेजे थे। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने बिथरीचैनपुर के एक जूनियर हाईस्कूल में साइंस किट का रियलिटी चेक किया। किट में 131 उपकरण थे, लेकिन अधिकांश उपकरणों पर किसी कंपनी का नाम था। वहीं, जिन उपकरणों पर कंपनी का नाम लिखा था, वे संदेह के घेरे में थीं। टीम ने किट के उपकरणों को जयपुर सांइटिफिक एंड केमिकल दुकान पर मूल्यांकन कराया, तो बाजार में कीमत तीन से साढ़े तीन हजार के बीच निकली।
रजिस्ट्रर में है एंट्री
हेड टीचर्स पर दबाव बनाकर उनसे चेक लिए गए हैं। इसके भी सबूत टीम को स्कूल में मिले। हेड टीचर ने पत्र व्यवहार पंजिका में चेक देने की एंट्री की है। हेड टीचर ने रजिस्ट्रर में लिखा है कि साइंस किट के मिले चेक को एनपीआरसी आदर्श कुमारी को दिया गया है। उधर, एबीएसए केपी सिंह का कहना है कि करीब छह माह पहले कांधरपुर के जूनियर हाईस्कूल में साइंस किट की प्रदर्शनी लगी थी, जिसमें हेड टीचर्स को आदेश दिए गए कि वे साइंस किट का ऑर्डर करें। लेकिन, टीचर्स ने ऑर्डर नहीं दिए। इसलिए ब्लॉक लेवल पर किट खरीदकर दी गई है।
अधिकारियों ने डकारे लाखों
शासन ने 63,44,000 रुपए साइंस किट खरीदने के लिए भेजे। अधिकारियों ने जो किट खरीदी है, वह बाजार में तीन हजार से करीब साढ़े तीन हजार की है। इस हिसाब से अधिकारियों ने 35,68,500 रुपए डकार कर बंदरबांट कर लिया।
मूल्यांकन
उपकरण-कीमत
माइक्रोस्कोप-1800
ड्रॉर्प्स- 2 रुपए प्रति पीस
एम मीटर-150
सोडियम क्लोराइड 10 एमएल-5 रुपए
चुम्बक-30 रुपए
क्वॉयल-40 रुपए
टेस्ट ट्यूब होल्डर-10 रुपए
ग्लास-10 रुपए
बॉटल-40
बीकर ग्लास-20 रुपए
एफबी फ्लॉस्क-30 रुपए
स्पायरल स्प्रिंग-30 रुपए
ड्रॉर्प्स बॉटल-5 रुपए
वर्जन
अधिकारियों को साइंस किट में हुए घोटाले की जांच करानी चाहिए। जो भी दोषी मिले, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। क्योंकि, यह स्टूडेंट्स के भविष्य से जुड़ा मामला है।
नरेश गंगवार, शिक्षक नेता
बीईओ को नोटिस जारी किया गया है। उनसे तीन दिन के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। बीईओ का पक्ष आने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।
चंदना यादव, बीएसए
परिषदीय स्कूल्स के लिए जो साइंस किट खरीदी गई है। वह बहुत ही घटिया गुणवत्ता की है। यह किट बाजार में आसानी से तीन से साढ़े तीन हजार रुपए में मिल जाएगी।
अतुल, पार्टनर, जयपुर सांइटिफिक एंड केमिकल