- यूथ ने कहा, इनसे बचने के लिए खुद ही अवेयर रहने की है जरूरत

- अनकंट्रोल्ड होते जा रहा है डिस्टर्बेस, सख्ती से पाबंदी लगाने की हो पहल

BAREILLY: सुविधा के लिए प्रयोग किया जाने वाला स्मार्टफोन अब असुविधाओं का सबब बन गया है। एक ही मेसेज का सोशल साइट्स पर वायरल होना, बार-बार पॉप अप्स का स्क्रीन पर उभरना और नेट पर अनवांटेड एडवरटीजमेंट ने सर्फिंग मुहाल कर दी है। इससे फोन तो हैंग हो ही रहे हैं। साथ ही, यह बीमारियों की वजह भी बन रहा है। यह कहना है स्मार्टफोन यूजर्स का। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट कैंपेन 'गर्मी लगी क्या' के तहत मंडे को जब अनवांटेड मेसेज, पॉप अप्स, चेन व्हाट्सअप एंड द प्रमोशनल न्यूसेंस ऑन स्मार्टफोन' सब्जेक्ट पर यूथ से बात की गई। तो उन्होंने बेबाकी से अपनी राय रखी। उनके मुताबिक ईजी लाइफ और दौड़ भाग को कम करने के लिए यूजफुल स्मार्टफोन पर अनवांटेड मेसेजेज प्रॉब्लम बन गए हैं, जिस पर लगाम लगना जरूरी है।

जंक्स मेसेज हैंग कर रहे मोबाइल

टीम सुबह 10.30 बजे प्रेमनगर सूद धर्मकांटा, कोहाड़ापीर रोड न्यू मंगलम स्वीट के सामने अवध कॉम्प्लेक्स पहुंची। जहां बात की शुरुआत करते हुए वीके चौधरी ने कहा कि उनके स्मार्टफोन पर नेट ऑन करते ही मेसेजेज आने का सिलसिला शुरू हो जाता है। एक ही मेसेज कई बार होते हैं जिन्हें पढ़ने से बचने के क्रम में कई इंपॉर्टेट मेसेज नहीं देख पाते हैं। वहीं, रवि जौहरी ने कहा कि इन मेसेजेज से कई बार फोन हैंग हो जाता है। मेसेजेज में दिए गए लिंक्स क्लिक करने पर वायरस आने से प्रॉब्लम बढ़ जाती है। फिर, डॉक्टर यानि सर्विस सेंटर का रुख करने के लिए कस्टमर मजबूर हो जाता है। विनय सक्सेना ने उनकी बात का समर्थन किया। योगेश शाश्वत ने डाटा कंज्यूम होने की बात कही। संजीव शर्मा ने इन अनवांटेड मेसेजेज पर पाबंदी लगाने का पुरजोर समर्थन किया। साथ ही, इसे अनकंट्रोल्ड किया जाना बताया।

हम खुद भी हैं जिम्मेदार

टीम दोपहर 2 बजे रूहेलखंड मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज पहुंची। वहां कैंपेन की शुरुआत करते हुए स्टूडेंट तनु तान्या ने कहा कि अनवांटेड मेसेज की भरमार हो या जंक्स की प्रॉब्लम हम खुद भी जिम्मेदार हैं। कहा कि मेसेज मिले तो उसे फारवर्ड मत करो। धीरे-धीरे प्रॉब्लम खत्म हो जाएगी। वहीं, वल्गर मेसेज या धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले मेसेजेज भी डिलीट कर देना चाहिए। स्मार्टफोन को सिर्फ जरूरत तक सीमित रखा जाए तो सब बेहतर है। उनकी बात को सभी ने सराहा। लवीना, सुरभि, डॉ। माधव ने उनकी बात को सपोर्ट किया। कहा कि वह लोग भी इससे परेशान होते हैं। पर इसे कंट्रोल कर पाना उन्होंने मुश्किल बताया। निहारिका पाठक ने ऐसी प्रॉब्लम्स के प्रति अवेयर रहने को कहा। क्योंकि यह अनचाही है जो आप से बगैर पूछे आएंगी। तो इसे इग्नोर करना ही एकमात्र जरिया है। वहीं, डॉ। वरुण खुल्लर ने कहा कि स्मार्ट फोन को जरूरत के मुताबिक ऑपरेट करें।

इरिटेशन होती है मेसेज देखकर

टीम दोपहर 3 बजे पीलीभीत बाईपास स्थित आकाश टॉवर पहुंची। वहां सब्जेक्ट के मुताबिक केपी सिंह ने कहा कि स्मार्टफोन पर मेसेज एक बार तो अच्छे लगते हैं। पर बार-बार एक ही मेसेज देख इरिटेशन होती है। वहीं, कई सारे ग्रुप्स के साथ जुड़े रहना भी एक जरूरत है। प्रवेश पटेल ने उनक ो रोकते हुए कहा कि पॉप अप्स सबसे बड़ी प्रॉब्लम बनते हैं। बैटरी चेकअप, सॉफ्टवेयर इंस्टाल करो, डाटा बचाओ, लॉटरी लगने जैसे जंक मेसेज स्क्रीन पर आ जाते हैं। कभी तो क्लिक होने से सिस्टम ही हैंग हो जाता है। ट्राई के नियमों को सख्त बनाने की जरूरत है। ताकि यह प्रॉब्लम खत्म हो और डिजिटल इंडिया का मजाक न बने। स्वाति ने कहा कि इन मेसेजेज में कोई खास जानकारी होती नहीं। ज्यादातर पॉलिटिक्स, चुटकुले, लिंक्स अथवा किसी का महिमा मंडन ही होता है। इनसे निजात ही नहीं मिले तो स्मार्टफोन की सेहत और यूजर का दिमाग दुरुस्त रहेगा।

वायरल मेसेज को पढ़ने से बचने के दौरान कई बार इंपार्टेट मेसेज भी रह जाते हैं। स्मार्टफोन का डाटा और स्पेस कंज्यूम हो जाता है।

संजीव शर्मा

स्मार्टफोन पर अनवांटेड मेसेज की भरमार है। कई बार मेसेज पढ़कर मन आहत हो जाता हूं। खुद से ही पहल करने पर बदलाव आएगा।

सीएस कांडपाल

सोशल साइट्स शुरुआती दौर में बेहतर रहे पर अब यह प्रॉब्लम बन गए हैं। वहीं, नेट सर्फिंग भी सेफ नहीं रह गई है। अवेयर रहना पड़ता है।

वरुण खुल्लर

चंद पल के लिए भी फोन बंद हो जाए तो ऑन करने पर हैंग हो जाता है। जंक्स मेसेज से वायरस आ जाते हैं। जो स्पीड स्लो कर देते हैं।

केपी सिंह