- बरेली जंक्शन पर 30 मिनट तक बच्चे को हाथ में लिए बैठे रहे मां व पिता नहीं मिला इलाज

<- बरेली जंक्शन पर फ्0 मिनट तक बच्चे को हाथ में लिए बैठे रहे मां व पिता नहीं मिला इलाज

BAREILLY:

BAREILLY: रेलवे सिस्टम की लापरवाही के चलते सैटरडे को एक मासूम की मौत हो गई। इलाज के इंतजार में जंक्शन पर करीब आधा घंटे बैठने के बाद भी मासूम को इलाज मुहैया नहीं कराया गया, जिसके बाद बच्चे को उसके माता-पिता एक हॉस्पिटल ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मासूम की मौत से माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था।

मुरादाबाद पहुंचने पर हुआ फीवर

फरीदाबाद में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करने वाले सिवान निवासी मुन्ना राम अपने घर जाने के लिए नई दिल्ली से अमृतसर-सहरसा गरीबरथ एक्सप्रेस ट्रेन में सैटरडे सुबह सवार हुए। उनके साथ उनकी पत्‍‌नी मनभावती और 9 महीने का बेटा रोहन भी था। जब ट्रेन दिल्ली जंक्शन से चली तो रोहन स्वस्थ्य था, पर मुरादाबाद आते-आते उसे फीवर हो गया। मुन्ना राम ने मुरादाबाद में ट्रेन के अटेंडेंट को इसकी जानकारी दी, लेकिन इलाज की कोई व्यवस्था नहीं की गई।

जंक्शन पर इलाज का इंतजार

बरेली आते-आते रोहन की तबीयत और खराब हो गई। इसके बाद अन्य पैसेंजर्स की मदद से मुन्ना राम ने टीटीई को इसकी जानकारी दी। टीटीई ने तुरंत मुरादाबाद कंट्रोल रूम को फोन किया। कंट्रोल रूम ने तुरंत बरेली कंट्रोल रूम फोन कर बच्चे की तबीयत खराब होने की जानकारी दी। इसके बाद मुन्ना राम जंक्शन पर उतर गए और करीब फ्0 मिनट तक प्लेटफार्म पर बैठे रहे, लेकिन इलाज मुहैया नहीं कराया गया। इसके बाद मुन्ना राम जंक्शन के पास एक हॉस्पिटल में रोहन को ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।