-ऊना हिमाचल एक्सप्रेस के टॉयलेट में ठिकाने लगा गए नवजात का शव

-मां की ममता से वंचित बच्चे की हुई मौत

BAREILLY: दुनिया कितनी बेदर्द होती जा रही है। लोगों के अंदर इमोशन नाम की चीज ही नहीं रह गई है। सब तो सब एक मां की ममता भी मर रही है। तभी तो किसी मां ने नवजात को जन्म देने के बाद उसे ट्रेन के टॉयलेट में मरने के लिए छोड़ दिया। अटेंडेंट की कंप्लेन पर आरपीएफ मौके पर पहुंची तो टॉयलेट में नवजात मृत हालत में मिला। जीआरपी ने शव को कब्जे में लेने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल, शुरुआती जांच में इस बात का पता नहीं चल सका कि कब और कौन महिला ट्रेन में बच्चा छोड़ गई।

अटेंडेंट ने देखा शव

दोपहर करीब सवा बजे आरपीएफ को कोच अटेंडेंट ने सूचना दी कि ऊना हिमाचल एक्सप्रेस में बी-1 एसी कोच के टॉयलेट में एक बच्चे का शव पड़ा हुआ है। ट्रेन दिल्ली से बरेली आई थी। सूचना पर आरपीएफ और जीआरपी पहुंची तो देखा कि चादर में लिपट नवजात का शव पड़ा हुआ था। नवजात की मौत हो चुकी थी और उसका जन्म कुछ घंटे पहले हुआ होगा। उसकी नाल भी जुड़ी हुई थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आरपीएफ पोस्ट के जांच रूम में टेबल पर रख दिया और फिर जीआरपी ने शव को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

आखिर कहां से आया नवजात

ट्रेन के एसी कोच के टॉयलेट में शव मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल कि टायलेट में नवजात आखिर कैसे पहुंचा। क्या किसी महिला ने उसे टायलेट में ही जन्म दिया या फिर रास्ते में किसी स्टेशन पर बाहर से आकर किसी महिला ने बच्चे को ट्रेन में रख दिया और बच्चा बरेली तक पहुंच गया हो। चलती ट्रेन में नवजात का जन्म हुआ होता तो लोगों को जरूर पता चलता। ऐसे में, इस बात की संभावना ज्यादा है किसी ने बाहर से लाकर बच्चे को रख दिया। इससे ट्रेनों में सिक्योरिटी इंतजाम पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

नहीं पसीजा मां का कलेजा

नौ माह तक गर्भ में बच्चे को पालने का हर दर्द सहने के बाद एक मां कैसे निर्दयी हो गई। उसने बच्चे को टॉयलेट में छोड़ दिया। बच्चे को छोड़ते वक्त मां का कलेजा भी नहीं पसीजा। हालांकि, बच्चे को इस तरह छोड़े जाने से आशंका जाहिर की जा रही है शायद किसी ने नाजायज औलाद होने की वजह ट्रेन में अकेले छोड़ दिया।

ट्रेन में एसी कोच के टॉयलेट में नवजात का शव मिला है। अटेडेंट ने शव देखने पर सूचना दी। जीआरपी ने शव को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

टीपी सिंह, इंस्पेक्टर आरपीएफ