-ऑफिस में लम्बे समय से एक ही पटल पर जमे बाबुओं की बीएसए बना रही हैं कुंडली

-परिषदीय बाबू काम से ओवरलोडेड, राजकीय बाबू खाली बैठकर करते हैं समय पास

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ

जल्द ही बेसिक शिक्षा विभाग में लम्बे समय से एक ही पटल पर जमे हुए बाबुओं पटल में नई बीएसए फेरबदल करने वाली हैं। पटल बदलने के लिए बीएसएस उनके पटलों की कुंडली तैयार कर रही हैं। ताकि उनके पटल को बदला जा सके। इसके साथ ही बाबुओं के ओवरलोड को कम करके खाली बैठे राजकीय बाबुओं को काम देने की तैयारी में हैं।

शासनादेश की अनदेखी

शासनादेश के मुताबिक कोई भी बाबू एक पटल पर तीन साल से अधिक नहीं रह सकता है। लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग में इस शासनादेश की जमकर धज्जियां उड़ रही हैं। एक-एक पटल पर बीते छह-छह साल से एक ही बाबू टिके हआ है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकरियों ने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए उनके पटल को नहीं बदला। इसके अलावा परिषद के एक-एक बाबू पर कई-कई पटल की जिम्मेदारी सौंप दी। वहीं राजकीय बाबुओं कोई पटल नहीं दिया, इस कारण वह पूरे दिन खाली बैठे रहते हैं। विभाग में तैनात अनिल सक्सेना, एमडीएम, प्राइमरी-जूनियर स्कूल में शिक्षकों की तैनाती, अनुदेशकों की भर्ती, उर्दू के शिक्षकों की भर्ती, शिक्षकों का समायोजन और स्थानांतरण का कार्यभार देख रहे हैं। इसके अलावा बाबू रामकुमार, शिक्षामित्रों की नियुक्ति और हेमंत मौर्य एक से आठवीं तक की मान्यता देने का पटल देख रहे हैं। वहीं प्रेमशंकर बाबू पर जूनियर की मान्यता और शिक्षकों के प्रमोशन के पटल की जिम्मेदारी है। राजकीय बाबू भूपेन्द्र पाल सिंह पर सूचनाएं, समाजवादी पेंशन और साक्षरता का पटल है। बीएसए एश्वर्या लक्ष्मी यादव ने बताया कि सभी बाबुओं की सूचनाएं कलेक्ट हो जाने के बाद तीन साल से अधिक समय से एक स्थान पर जमे बाबुओं के पटल में हेरफेर करेंगी। जो बाबू ओवरलोडेड हैं, उनसे काम का भार कम किया जाएगा। इसके साथ ही जो बाबू खाली बैठे रहते हैं, उन्हें काम दिया जाएगा।