-राइट टू एजुकेशन के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को भी प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने का है हक

-2509 पेरेंट्स ने किया है एप्लाई, आवेदनों का किया जा रहा सत्यापन, 27 मार्च तक आयोजित है लॉटरी

राइट टू एजुकेशन के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को भी प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने का हक है। ऐसे बच्चे नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 (आरटीई) के तहत प्राइवेट स्कूल्स में एडमिशन करा सकते हैं। इसके लिए आवेदन भी आने शुरू हो गए हैं। बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूल्स में पढ़ाने के लिए 2,509 पेरेंट्स ने आवेदन किया है। आवेदन का सत्यापन भी शुरू हो चुका है, जिसमें अब तक करीब 450 आवेदनों का सत्यापन किया जा चुका है। इनमें से 225 आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। फ‌र्स्ट फेज में 26-27 मार्च को आयोजित लॉटरी सिस्टम के जरिये बच्चों का एडमिशन कॉन्वेंट स्कूल्स में होगा।

आवेदन हो रहे कैंसिल

आनलाइन आ रहे आवेदन की जांच पड़ताल की जा रही है। जांच में यह सामने आ रहा है कि तमाम पेरेंट्स ने बच्चों के एडमिशन के लिए दूसरे वार्ड के स्कूल्स का ऑप्शन भर दिया है। वहीं अधिकतर पेरेंट्स के आवेदन ही अपूर्ण हैं। ऐसे आवेदनों को कैंसिल किया जा रहा है। फ‌र्स्ट फेज की लाटरी पूरी होने के बाद सेकेंड फेज का आवेदन दो दिनों के भीतर ऑनलाइन किया जाएगा।

25 परसेंट एडमिशन का प्रावधान

आरटीई के तहत प्राइवेट कॉन्वेंट स्कूल्स को सीट के सापेक्ष 25 परसेंट एडमिशन आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का करना अनिवार्य है। एक और प्री-प्राइमरी कक्षाओं में एडमिशन तीन चरणों में होना है। वहीं शासन प्राइवेट स्कूल्स को 450 रुपये महीने की दर से शुल्क प्रतिपूर्ति मुहैया कराती है। हालांकि वर्तमान सत्र में अब तक प्राइवेट स्कूल्स को शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिल सकी है। इसके चलते तमाम प्राइवेट स्कूल्स ने आरटीई के तहत न्यू सेशन में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का फ्री में एडमिशन न करने की चेतावनी दी है।

वर्जन

लाटरी के तहत ही कॉन्वेंट स्कूल्स में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का एडमिशन होगा। फ‌र्स्ट सेशन के ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों की जांच-पड़ताल जारी है।

जेपी सिंह,

जिला समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान