-वेबसाइट पर अपलोड करना भूल रहे कट-ऑफ लिस्ट

कट-आफ लिस्ट की इंफॉर्मेशन न मिलने से स्टूडेंट्स परेशान

BAREILLY: बीसीबी का एडमिशन प्रोसेस अब पूरी तरह से पटरी से उतर चुका है। शुरुआत में तेजी दिखाने के बाद अब काउंसलिंग प्रोसेस पूरी तरह से अव्यवस्था के हाथों में चला गया है। बीसीबी में इस दौरान पीजी कोर्सेज में एडमिशन के लिए काउंसलिंग प्रोसेस चल रहा है। इसके लिए कॉलेज कट-ऑफ जारी कर रहा है। एक तो कट-ऑफ कब जारी करेगा इसकी कोई इंफॉर्मेशन नहीं देता। वहीं जारी कर देता है तो स्टूडेंट को इसकी इंफॉर्मेशन नहीं होती। कट-ऑफ जारी होने के एक-दो दिन बार बीसीबी की वेबसाइट पर अपडेट किया जा रहा है। ऐसे में स्टूडेंट अपनी कांउसलिंग के लिए भटक रहे हैं। डिपार्टमेंट में चस्पा की जा रही कट-ऑफ कुछ ही समय में फट जाती है। स्टूडेंट्स कट-ऑफ देखने आते हैं लेकिन उनको मालूम नहीं चल पाता।

चस्पा और ऑनलाइन जारी होती है लिस्ट

यूजी कोर्सेज में काउंसलिंग प्रोसेस खत्म होने के बाद बीसीबी की पीजी कोर्सेज की काउंसलिंग अव्यवस्था के भेंट चढ़ चुकी है। शुरुआत के चरणों के बाद अब स्टूडेंट्स को पता नहीं चल पा रहा है कि उनकी बारी कब आएगी। कब कट-ऑफ जारी की जाएगी और जारी की गई है तो कट-ऑफ है क्या। 20 अगस्त से काउंसलिंग प्रोसेस स्टार्ट हुई। अब स्टूडेंट को इसकी इंफॉर्मेशन ही नहीं मिल पा रही है। यही नहीं कॉलेज भी स्टूडेंट्स को सही समय पर प्रॉपर इंफॉर्मेशन नहीं दे पा रहा है, जो इंफॉर्मेशन का जरिया है वह ध्वस्त हो चुकी है। कट-ऑफ और मेरिट लिस्ट की जानकारी बीसीबी दो माध्यम से देता है। एक तो जिस डिपार्टमेंट में एडमिशन होता है वहां की दीवारों पर चस्पा की जाती है तो दूसरी तरफ बीसीबी के वेबसाइट पर कम से कम एक दिन पहले कट-ऑफ जारी होना जरूरी है।

दोनों माध्यम डिरेल

कट-ऑफ जारी करने के दोनों ही माध्यम डिरेल हो चुके हैं। डिपार्टमेंट की दीवारों पर कट-ऑफ जैसे ही चस्पा की जाती है कुछ ही समय में स्टूडेंट्स को उसको फाड़ देते हैं। जबकि वेबसाइट पर कट-ऑफ एक-दो दिन बाद ही अपडेट किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर बीसीबी के एमए पोलिटिकल, फाइन आर्ट, एमए संस्कृत, एमए हिस्ट्री, एमए हिंदी और एमए उर्दू के फ‌र्स्ट ईयर में एडमिशन के लिए नई कट-ऑफ जारी की। इसके अनुसार गत 28 और 31 अगस्त को एडमिशन के लिए काउंसलिंग हुई। इसके लिए बीसीबी ने गत 27 अगस्त को कट-ऑफ जारी की। लेकिन वेबसाइट पर इसको टाइमली अपडेट नहीं किया गया। बीसीबी की वेबसाइट पर कट-ऑफ 31 अगस्त को ही अपडेट की गई।

लेटलतीफी स्टूडेंट्स पर भारी

वेबसाइट पर लेट कट-ऑफ जारी होने की वजह से अधिकांश कोर्सेज में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स काउंसलिंग के दिन पहुंच नहीं सके। वहीं कॉलेज में रक्षाबंधन के अवसर पर अवकाश था। ऐसे में स्टूडेंट्स को कट-ऑफ के बारे में तभी जानकारी मिल पाई जब कॉलेज 31 अगस्त को खुला। ऐसे में कई स्टूडेंट्स की काउंसलिंग छूट गई। ऐसे तमाम स्टूडेंट्स कंप्लेन लेकर कॉलेज के ऑफिस में पहुंच रहे हैं। स्टूडेंट्स ने यह भी बताया कि डिपार्टमेंट में भी कट-ऑफ देखने का कोई माध्यम नहीं है। वे लगातार चक्कर काट रहे हैं लेकिन उन्हें इस संबंध में कोई इंफॉर्मेशन नहीं दी जा रही है।

शुरू से रही है लापरवाही

काउंसलिंग प्रोसेस में कॉलेज की लापरवाही शुरू से ही रही है। इस बार तो कॉलेज का पूरा एडमिशन प्रोसेस ही विवादों के घेरे में रहा। फर्जी वेटेज सर्टिफिकेट का जमकर इस्तेमाल हुआ। काफी हो हल्ला होने के बाद भी कॉलेज ने इस संबंध में बाहरी जांच नहीं कराई। बैकडोर से जमकर एडमिशन लिए गए। बीच में तो बीसीबी पीजी की कट-ऑफ रात के 11 बजे डिक्लेयर करने लगा और अगले ही दिन से काउंसलिंग स्टार्ट कर देता था। इससे कई स्टूडेंट्स की काउंसलिंग छूट गई थी। स्टूडेंट्स की कंप्लेन की कहीं पर भी सुनवाई नहीं हुई।